लखनऊ में स्‍कूल का अवैध न‍िर्माण प्रशासन ने ढहाया, अराजकता से परेशान थे कालाकाकर कॉलोनी न‍िवासी

नगर निगम की नोटिस मिलने के बाद स्कूल संचालिका ने भी सफाई दी थी लेकिन नगर निगम ने प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया था। यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल संचालक को चार जून को नोटिस देते हुए कहा गया था कि एक सप्ताह में अवैध निर्माण हटा लेें।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:16 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 02:12 PM (IST)
लखनऊ में स्‍कूल का अवैध न‍िर्माण प्रशासन ने ढहाया, अराजकता से परेशान थे कालाकाकर कॉलोनी न‍िवासी
लखनऊ की हैदराबाद काला काकर कॉलोनी: भारी पुलिस बल के बीच तोड़ा जा रहा नाले पर बना स्कूल।

लखनऊ, जेएनएन। न्यू हैदराबाद काला काकर कॉलोनी में नाली के ऊपर बने स्कूल के अवैध न‍िर्माण को रविवार सुबह पुलिस बल की मौजूदगी में ग‍िरा द‍िया गया। इसमें जेसीबी के साथ सैकड़ों नगर निगम कर्मचारियों को लगाया गया था। नगर निगम स्कूल के उसी हिस्से को तोड़ा है, ज‍िसमें अवैध निर्माण था। यह निर्माण नाले के ऊपर बनाया गया था। कार्रवाई के दौरान नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी खुद मौके पर मौजूद थे। महिला पुलिस बल को भी तैनात किया गया था। अधिकारी बताते हैं कि स्कूल प्रबंधन को हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है इसके बाद नगर निगम ने उसे तोड़ने का निर्णय लिया था।

यह है मामला : न्यू हैदरबाद में नाले के ऊपर बने यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल और अन्य 121 अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग कॉलोनी निवासी लंबे समय से कर रहे थे। कॉलोनी के निवासी नाले के ऊपर बने स्कूल और अन्य अवैध निर्माण से इतना अधिक परेशान हो गए थे। उन्होंने मकान बेचने की सूचना चस्पा कर दी थी । इसके बाद नगर निगम ने अवैध कब्जा करने वालों को नोटिस जारी की थी। इसमें यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल भी शामिल था।

नगर निगम की नोटिस मिलने के बाद स्कूल संचालिका ने भी सफाई दी थी लेकिन, नगर निगम ने प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया था।  यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल संचालक को चार जून को नोटिस देते हुए कहा गया था कि एक सप्ताह में अवैध निर्माण हटा लेें। इस नोटिस पर स्कूल संचालिका ने जवाब दिया और नोटिस को निरस्त करने की मांग की थी और कोर्ट में मामला लंबित होने का तर्क दिया था।

नगर निगम का कहना था नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 296 के अंतर्गत बिना नोटिस के किसी भी तरह का अतिक्रमण हटा सकता है।  स्कूल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका की थी, लेकिन कोर्ट से कोई उन्हें राहत नहीं मिली। दरअसल यहां के निवासी नाले के ऊपर रहने वाले लोगों की अराजकता से परेशान हो गए थे। घरों के सामने लोग शराब पीते थे और गाली गलौज करते थे। 27 मई को एक धार्मिक आयोजन को लेकर दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे और बवाल होने की आशंका बढ़ गई थी। मौके पर पीएसी को बुलाना पड़ा था यहां के निवासियों का कहना है अगर दो समुदाय के बीच संघर्ष हो जाता उन लोगों क्या होता। 

chat bot
आपका साथी