बगैर आइडी प्रूफ लिए कोरोना जांच करने पर होगी कार्रवाई, मरीजों के गायब होने के बाद सख्त हुआ स्वास्थ्य विभाग
राजधानी लखनऊ में अब तक 2500 से ज्यादा कोरोना के मरीज जांच करवाने के बाद गायब हो चुके हैं। गलत नंबर व पता दर्ज करवाकर गायब हो चुके मरीजों की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में बिना आइडी के कोरोना की जांच नहीं होगी।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में अब तक 2500 से अधिक कोरोना मरीजों के गायब होने के बाद स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो गया है। पिछले एक हफ्ते के दौरान भी 50 से 60 कोरोना मरीज गलत नंबर व पता दर्ज करा कर गायब हो चुके हैं। उनके जरिये विभिन्न जगहों पर संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ चुका है।
इस आशंका के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती बरतते हुए बगैर आइडी प्रूफ लिए व बिना स्थानीय पता लिए कोरोना जांच करने वाले लैब के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। आरंभ में लोगों से फार्म पर उनका मोबाइल नंबर व पता लिखवाया जाता था, जिसमें आइडी प्रूफ देना जरूरी नहीं था। ऐसे में लोग गलत पता व मोबाइल नंबर लिख दिया करते थे। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ऐसे मरीजों को ट्रेस करना स्वास्थ्य विभाग के लिए टेढ़ी खीर बन गया है। बहुत से मरीज अपने गांव का आधार कार्ड लगा देते हैं। इनमें से बहुतों के मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पाता। फलस्वरूप वह ट्रेस भी नहीं हो पाते। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने मोबाइल नंबर व आइडी प्रूफ के साथ उनका मौजूदा पता भी अनिवार्य रूप से लिखे जाने का निर्देश जांच करने वाली सभी लैब को दिया है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित लैब के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी सीएमओ डॉ केडी मिश्रा ने बताया कि कई मरीज दूसरे राज्यों व जनपदों के हैं। जिन्होंने जांच में अपना सिर्फ आधार कार्ड लगाया है। उनका मोबाइल नंबर गलत दर्ज है। इससे उन्हें ट्रेस करने में दिक्कत आ रही है। अगर इन सभी का वर्तमान स्थानीय पता भी लिखा गया होता तो ट्रेस करने में आसानी होती। इसलिए सभी लैब को निर्देश दिया गया है कि अब आइडी प्रूफ व मोबाइल नंबर के साथ मरीज का मौजूदा पता भी अनिवार्य रूप से दर्ज करें। ताकि ऐसी दिक्कत आगे ना आए। लापरवाही बरतने वाली लैब पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करेगा।