UP: फर्जी जाति प्रमाण पत्र से चुनाव जीतने वालों की जल्द खाली होंगी सीटें, जांच के लिए समय सीमा तय

यूपी में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने वाले मामले लटकाए नहीं जा सकेंगे। योगी सरकार पंचायत चुनाव में ऐसी शिकायतों का जल्द निस्तारण करने जा रही है। फर्जी प्रमाण पत्रों से आरक्षित सीटों पर चुनाव जीतने वालों का निर्वाचन शून्य कराकर सीटें जल्द खाली कराई जाएंगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 09:28 PM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 09:29 PM (IST)
UP: फर्जी जाति प्रमाण पत्र से चुनाव जीतने वालों की जल्द खाली होंगी सीटें, जांच के लिए समय सीमा तय
फर्जी प्रमाण पत्रों से आरक्षित सीटों पर चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों का निर्वाचन शून्य कर सीटें जल्द खाली कराई जाएंगी।

लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश में अब फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने वाले मामले लटकाए नहीं जा सकेंगे। योगी सरकार पंचायत चुनाव में ऐसी शिकायतों का जल्द निस्तारण करने जा रही है। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर आरक्षित सीटों पर चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों का निर्वाचन शून्य कराकर उनकी सीटें जल्द खाली कराई जाएंगी। ऐसी रिक्त सीटों पर सरकार दोबारा चुनाव कराएगी।

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने वालों के मामलों के निस्तारण में कई बार पांच साल से अधिक समय बीत जाता है। ऐसे मामले जानबूझकर लटकाए जाते हैं, ताकि ऐसे प्रतिनिधि अपना कार्यकाल पूरा कर सकें। इस कारण आरक्षित सीटों पर वास्तविक लाभार्थी को फायदा नहीं मिल पाता है। इस समस्या को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने जाति प्रमाण पत्रों की शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।

प्रमुख सचिव समाज कल्याण के रविन्द्र नायक ने बताया कि ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के पदों पर चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी के खिलाफ यदि फर्जी जाति प्रमाण पत्र की कोई शिकायत आती है तो उसका निस्तारण जिला स्तर पर अधिकतम डेढ़ माह में किया जाएगा।

मंडल स्तर पर यदि अपील दर्ज होती है तो उसका निस्तारण अधिकतम एक माह में करना होगा। इसके लिए सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिए गए हैं। चुनाव याचिका को भी अधिकतम तीन माह में निस्तारित कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सरकारी अधिवक्ता को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई : प्रदेश सरकार गलत प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करेगी। सरकार ऐसी तहसीलों को चिह्नित करेगी जहां से अधिक संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र जारी हुए हैं। इसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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