उत्तर प्रदेश में बीएड की फर्जी डिग्री के बूते नौकरी पाए 342 शिक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्देश

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की फर्जी बीएड डिग्रियों के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक बने 342 लोगों को मानव संपदा पोर्टल पर चिह्नित कर लिया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 12:57 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 08:37 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में बीएड की फर्जी डिग्री के बूते नौकरी पाए 342 शिक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्देश
उत्तर प्रदेश में बीएड की फर्जी डिग्री के बूते नौकरी पाए 342 शिक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्देश

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की फर्जी बीएड डिग्रियों के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक बनने में कामयाब रहे 342 लोगों को मानव संपदा पोर्टल पर चिह्नित कर लिया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने जिले में कार्यरत चिह्नित अध्यापकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें और इसकी रिपोर्ट उन्हें सात जुलाई तक भेज दें।

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में बीएड सत्र 2004-05 के दौरान बड़े पैमाने पर फर्जी अंकपत्र जारी किए गए थे। पुलिस के विशेष जांच दल (एसआइटी) ने इस मामले की जांच की थी। एसआइटी ने फर्जी और कूटरचित अभिलेखों के आधार पर शिक्षक बनने में कामयाब रहे 4706 अभ्यर्थियों की सूची बेसिक शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराई थी। बेसिक शिक्षा विभाग मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों की सेवा संबंधी विवरण और अभिलेखों को ऑनलाइन कर रहा है। इस कवायद के दौरान मानव संपदा पोर्टल पर ऐसे 342 फर्जी शिक्षक चिह्नित किए गए हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।

बता दें कि अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऐसे शिक्षकों की सूचना मांगी है कि जिन्होंने आगरा विश्वविद्यालय के 2004-05 सत्र की बीएड डिग्री के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की है। जिलों से आने वाली रिपोर्ट की जांच के लिए निदेशालय के दो अधिकारियों रामचेत और शिव सेवक सिंह की दो सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई थी। असल में एसआइटी ने आगरा विश्वविद्यालय से बीएड करने वालों की कुल संख्या चार हजार से अधिक बताई थी। उसमें से प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति पाने वालों को बेसिक शिक्षा परिषद ने चिह्नित कर लिया है।

बता दें कि डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बहुचर्चित फर्जी अंकतालिका प्रकरण में कार्यपरिषद ने बीएड सत्र 2005 (2004-05) के फर्जीवाड़े में 2824 छात्रों की अंकतालिका को फर्जी करार दिया है। 3637 फर्जी छात्रों (रोल नंबर जनरेट, बिना पढ़े और परीक्षा दिए अंकतालिका देना) की सूची पर यह फैसला लिया है। फर्जी अंकतालिका के आधार पर छात्रों ने प्रदेश भर में शिक्षक की नौकरी पा ली है।

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