KGMU में ईपीएफ-ईएसआइ में घपले का आरोप, वर्षों से ठप जांच Lucknow news
बिजली विभाग में भ्रष्टाचार उजागर के बाद कर्मियों ने उठाई आवाज। सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग।
लखनऊ, जेेेेेेएनएन। बिजली विभाग में ईपीएफ धांधली को लेकर घमासान मचा है। वहीं अब केजीएमयू में भी अरबों रुपये के घपले की जांच की आवाज बुलंद होने लगी है। आउट सोर्सिंग कर्मी संघ का आरोप है कि कर्मियों का मैनपॉवर एजेंसी 10 अरब से अधिक रुपये डकार गईं। शिकायत के बाद स्क्वॉएड टीम बनीं, मगर जांच ठप कर दी गई। ऐसे में सरकार स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे।
केजीएमयू में आउट सोर्सिंग के तहत स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन, ईसीजी टेक्नीशियन, फिजियोथेरेपिस्ट, वार्ड ब्वॉय, गार्ड समेत तीन हजार कर्मी कार्यरत हैं। इन कर्मियों के लिए केजीएमयू ने आधा दर्जन के करीब मैन पॉवर एजेंसी से करार किया है। संस्थान के आउट सोर्सिंग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रीतेश मल्ल के मुताबिक संस्थान में 2001 से ईपीएफ व ईएसआइ में बड़ा घपला हुआ। कर्मियों से प्रति माह ईपीएफ के 1800 व ईएसआइ के 480 रुपये की कटौती हुई। वहीं यह पैसा खाते में जमा नहीं किया गया। आरोप है कि पिछले करीब 16 वर्षों में कर्मियों के ईपीएफ के10 अरब 36 करोड़, आठ लाख व ईएसआइ के 27 करोड़ 64 लाख 80 हजार रुपये की धांधली हुई है।
स्क्वॉएड टीम का गठन, मामला दफन
रीतेश मल्ल के मुताबिक ईपीएफ व ईएसआइ घपले की शिकायत ईपीएफ कमिश्नर कानपुर से की गई। इसको लेकर स्क्वॉएड टीम का गठन किया। टीम को अनियमितताएं मिलीं। मगर, कुछ दिन बाद जांच ठप हो गई। इसके बाद मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, कुलसचिव-कुलपति केजीएमयू से कई बार शिकायत की। मगर, कर्मियों का धन का हिसाब नहीं मिला। ऐसे में सरकार मामले पर सख्त कार्रवाई करे। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक मामले की जांच कर रिपोर्ट कुलसचिव को सौंप दी गई है। अब उन्हीं को आगे की कार्रवाई करनी है। वहीं, कुलसचिव आशुतोष ने कहा कि रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।