Terrorist Arrested in Lucknow: अहम स्लीपिंग माड्यूल था लखनऊ से दबोचा गया आमिर, खजूर बेचकर करता था रेकी

Terrorist Arrested in Lucknow कुछ दिन पहले इसी तरह आमिर ने कुछ दिन पहले मथुरा अयोध्या और कई अन्य शहरों में रेकी कराई थी। वह स्लीपिंग सेल का स्थानीय शरणदाता था। वह खजूर के पैकेट में बारूद व विस्फोटक सामग्री छिपाकर दूसरे अपने साथियों को भेजता था।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 06:45 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 10:13 AM (IST)
Terrorist Arrested in Lucknow: अहम स्लीपिंग माड्यूल था लखनऊ से दबोचा गया आमिर, खजूर बेचकर करता था रेकी
Terrorist Arrested in Lucknow: कुछ दिन पहले मथुरा, अयोध्या और कई अन्य शहरों में रेकी कराई थी।

लखनऊ, [सौरभ शुक्ला]। Terrorist Arrested in Lucknow: रिश्तेदार के जरिये आतंकी जीशान के संपर्क में आया लखनऊ के मवैया प्रेमवती नगर निवासी मो. आमिर जावेद स्लीपिंग माड्यूल का अहम किरदार था। अपने आकाओं के इशारे पर ऐतिहासिक स्थल, रेलवे स्टेशन और भीड़भाड़ वाले स्थलों की रेकी कराता था। इसके लिए वह अपने खजूर के धंधे का इस्तेमाल करता था। खजूर बेचने के बहाने स्लीपिंग सेल के सदस्य इन स्थलों पर जाते थे और आतंक की साजिश के लिए जानकारियां जुटाते थे। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एटीएस की पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है। कुछ दिन पहले इसी तरह आमिर ने कुछ दिन पहले मथुरा, अयोध्या और कई अन्य शहरों में रेकी कराई थी। वह स्लीपिंग सेल का स्थानीय शरणदाता था। वह खजूर के पैकेट में बारूद व विस्फोटक सामग्री छिपाकर दूसरे अपने साथियों को भेजता था। पता चला कि कानपुर के एक रिश्तेदार भी उसकी तरह खजूर का धंधा करते थे, जिनके जरिये वह जीशान के संपर्क में आया था।

पत्नी ने छोड़ा साथ : आमिर का आतंकी कनेक्शन की जानकारी ससुरालीजन को हुई तो वे मंगलवार देर रात उसके घर पहुंचे। मुहल्ले वालों के मुताबिक, उन्होंने आमिर के परिवारीजन से कहा कि बेटा आतंकी था तो उसकी शादी क्यों की। इसके बाद वे आमिर की पत्नी और उसके डेढ़ वर्षीय बच्चे को लेकर चले गए।

लखनऊ के अलग-अलग साइबर कैफे से आमिर को हुए 16 ई-मेल : आमिर को विभिन्न इलाकों के साइबर कैफे से 16 मेल किए गए हैं। यह कैफे दुबग्गा, कुर्सी रोड, आलमबाग, चारबाग, बंगलाबाजार और आशियाना के हैं। मेल में संवाद के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल किया गया है। एजेंंसियां अब एक्सपर्ट लगाकर इसे डिकोड करने का प्रयास कर रही हैं। इसके साथ ही एटीएस और अन्य टीमें इन साइबर कैफे के बारे में जानकारी जुटा रही हैं।

अंदाजा न लगा कि इतने खतरनाक हैं इनके इरादे : बहराइच की कैसरगंज कोतवाली के ग्राम प्यारेपुर का अबुबकर हो या ऊंचाहार से पकड़े गए जमील और मूलचंद, इनके खतरनाक मंसूबे आसपास के लोग भाप नहीं सके थे। आलिम की डिग्री लेकर कुछ महीने पहले देवबंद से आकर गांव रहने लगा अबुबकर नौ सितंबर को जमात में शामिल होने के नाम पर दिल्ली गया था। वहीं गलत संगत के कारण पिता द्वारा मुंबई से भगाया गया जमील अपने साथी मूलचंद के साथ पूरे दिन नशाखोरी में लगा रहता था। इनकी गिरफ्तारी हुई तो आसपास के लोग हैरत में पड़ गए। जानने वाले यही कहते सुनाई दिए कि इनको देखकर अंदाजा न लगा कि इनके इरादे इतने खतरनाक हैं।

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