राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा- अनुसूचित जाति के लिए भाजपा का प्रेम वोट बैंक की रणनीति
आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा को दलितों से कोई लगाव नहीं हैं। दलित के घर प्रसाद पहुंचाने की फोटो सिर्फ दिखावा है।
लखनऊ, जेएनएन। आम आदमी पार्टी (आप) के उत्तर प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सवाल किया है कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में जब प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री जा सकते हैं तो राष्ट्रपति क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि अनुसूचित जाति के व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाना राजनीति का हिस्सा मात्र है। अनुसूचित जाति के लिए भाजपा का प्रेम वोट बैंक की रणनीति है।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने रविवार को पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि भाजपा को दलितों से कोई लगाव नहीं हैं। दलित के घर प्रसाद पहुंचाने की फोटो सिर्फ दिखावा है। आम जनता को बरगलाया जा रहा है। जब दलितों को भूमिपूजन में हिस्सा नहीं लेने दिया तो प्रसाद भेजने की नौटंकी क्यों की जा रही है? उन्होंने प्रदेश में दलित उत्पीड़न बढ़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने दलितों की आवाज को बुलंद किया तो मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। यह मुकदमा गलत तरीके से दिल्ली में दर्ज कराया गया है।
आज मुझे एक दलित नेता ने फोन किया बोले भाई साहेब राष्ट्रपति दलित उन्हें नही बुलाया गया उप मुख्यमंत्री मौर्या उन्हें नही बुलाया गया। ऐसा क्यों? भाजपा दलितों को मंदिरों से बाहर क्यों रखना चाहती है?
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) August 7, 2020
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि अगर लखनऊ में मेरे ऊपर मुकदमा होता तो शायद मेरी बात प्रदेश के दलितों तक पहुंचती। योगी सरकार मेरी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है मगर मैं नहीं डरने वाला हूं। मैं घर-घर जाकर दलितों को मंदिर जाने के अधिकार के लिए एकजुट करूंगा। संजय ने आरोप लगाया कि भाजपा संगठन के भीतर भी कोई दलित नेता आगे नहीं बढ़ पाता। नेतृत्व की दलित विरोधी मानसिकता के चलते ही सैकड़ों नेताओं को उच्च पदों तक पहुंचने से पहले ही किनारे कर दिया जाता है। आम आदमी पार्टी दलितों का सम्मान रखेगी।