विश्व मधुमेह दिवसः उत्तर प्रदेश में डायबिटीज की गिरफ्त में नौ लाख गर्भवती महिलाएं

गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की पहचान और प्रबंधन की व्यवस्था अब प्रदेश के 36 जिलों में होगी।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 06:58 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 02:22 PM (IST)
विश्व मधुमेह दिवसः उत्तर प्रदेश में डायबिटीज की गिरफ्त में नौ लाख गर्भवती महिलाएं
विश्व मधुमेह दिवसः उत्तर प्रदेश में डायबिटीज की गिरफ्त में नौ लाख गर्भवती महिलाएं

लखनऊ (जेएनएन)। गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की पहचान और प्रबंधन की व्यवस्था अब प्रदेश के 36 जिलों में होगी। जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस (जीडीएम) की जांच की सुविधा अब तक प्रत्येक मंडल में मुख्यालय जिले के अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्र में थी लेकिन अब प्रत्येक मंडल में और एक-एक जिले में यह सुविधा उपलब्ध होगी।

36 जिलों में प्रोजेक्ट 

प्रदेश के 18 मंडल मुख्यालय के जिलों में पिछले साल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया था। अब सभी मंडलों के और एक-एक जिले को शामिल करते हुए कौशांबी, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, कुशीनगर, इटावा, चित्रकूट, बुलंदशहर, संभल, मुजफ्फरनगर, चंदौली, फिरोजाबाद, कासगंज, मऊ, सुल्तानपुर, सोनभद्र, जालौन व रायबरेली में भी सीएचसी-पीएचसी और जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की पहचान व प्रबंधन के उपाय किए जा रहे हैैं। 

गर्भावस्था मधुमेह दर14 फीसद तक

उप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सभी जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर बताया है कि देश में गर्भावस्था के दौरान मधुमेह की दर 10 से 14 फीसद है, जबकि प्रदेश में करीब नौ लाख गर्भवती महिलाएं इससे पीडि़त हैं। अधिकारियों ने बताया कि अब तक समुदाय में गर्भवती महिलाओं में जीडीएम की जांच नहीं हो पा रही थी, जबकि गर्भावस्था में डायबिटीज से पीडि़त महिलाओं को समय से इलाज न मिल पाने पर प्रसूता व गर्भस्थ में जटिलता के साथ उन्हें टाइप-2 श्रेणी का डायबिटीज होने की आशंका भी बढ़ जाती है। 

यह है खतरा

गर्भावस्था में डायबिटीज से महिलाओं में जहां पॉलीहाइड्रोएम्निओस, प्री-एक्लेंपसिया,प्रोलोंगड लेबर, ओब्सट्रक्टेड लेबर, सिजेरियन सेक्शन, यूट्राइन एटोनी, पोस्टपार्टम हेमरेज व इन्फेक्शन का खतरा रहता है, जबकि गर्भस्थ शिशु के लिए स्पोंटेनियस एबॉर्शन, गर्भस्थ शिशु की मृत्यु, स्टिल बर्थ, बर्थ डिफेक्ट, शोल्डर डिसटोसिया, बर्थ इंजरी, ग्लूकोज की कमी व इन्फेंट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम की आशंका बढ़ जाती है।

परिवार व मधुमेह है थीम

हर साल 14 नवंबर को मनाए जाने वाले विश्व मधुमेह दिवस की थीम इस बार परिवार व मधुमेह है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.पद्माकर सिंह ने प्रदेश के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र भेजकर ग्लूकोस्ट्रिप से डायबिटीज, हाइपरटेंशन, बॉडी मास इंडेक्स व अन्य की जांच के लिए शिविर लगाकर सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैैं। इस दौरान सभी स्वास्थ्य इकाइयों में रैली, पोस्टर व विभिन्न प्रतियोगिताओं के जरिए लोगों को जागरूक करने के भी निर्देश दिए गए हैैं।

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