बलरामपुर के पहाड़ापुर गांव में लगी भीषण आग, तबाह हुए 21 आशियाने समेत PM आवास का सपना
बलरामपुर के पहाड़ापुर गांव में लगी भीषण आग। दो घंटे मशक्कत के बाद बुझी गांव की आग 21 लोगों के मकान राख हो गए। आग का भीषण मंजर देख ग्रामीण दहशत में आ गए। प्रधानमंत्री आवास के दो लाभार्थियों के अपने आशियाने का सपना भी हुआ राख।
बलरामपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में रविवार को अज्ञात कारणों से लगी आग में 21 फूस के मकान जलकर राख हो गए। अग्निकांड में नकदी, राशन समेत गृहस्थी का सारा सामान नष्ट हो गया। प्रधानमंत्री आवास के दो लाभार्थियों के अपने आशियाने का सपना भी आग की भेंट चढ़ गया। पुलिस व दमकलकर्मियों के देर से पहुंचने के कारण आग बुझाने में ग्रामीणों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि, अग्निकांड में कोई हताहत नहीं हुआ है।
दो घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई: मामला कोतवाली क्षेत्र के पहाड़ापुर गांव का है। यहां हर कोई अपने रोजमर्रा के कार्यों में व्यस्त था। इसी बीच दोपहर करीब ढाई बजे गांव निवासी रामसमुझ के मकान से आग की लपटें उठने लगीं। आग ने बगल सटे बिंदेश्वरी प्रसाद के मकान को भी अपनी चपेट में ले लिया। तेज पछुआ हवाएं चलने के कारण आग की विनाशलीला तेज हो गई। देखते ही देखते लच्छीराम, बालकराम, प्रभात कुमार, रामराज, मनीराम, अवधराम, जगनारायण, रामसुमिरन समेत 21 लोगों के मकान राख हो गए। आग का भीषण मंजर देख ग्रामीण दहशत में आ गए। हर तरफ चीख-पुकार मच गई। गांव भर के लोग आग बुझाने के लिए दौड़ पड़े। सूचना देने के काफी देर बाद पहुंची पुलिस व दमकलकर्मियों ने आग बुझाने में ग्रामीणों की मदद की। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई जा सकी। अग्निकांड पीड़ितों के घर में रखा बिस्तर, अनाज समेत गृहस्थी का सारा सामान नष्ट हो गया है, जिससे उनके परिवार खुले आसमान के नीचे आ गया है। गांव निवासी अरशद ने अग्निकांड पीड़ितों के रहने-खाने की व्यवस्था करने की बात कही है। लेखपाल राजकुमार ने बताया कि क्षति का आकलन कर पीड़ितों को सहायता राशि दिलाई जाएगी।
राख हुआ अपनी छत का सपना : बिंदेश्वरी प्रसाद व उसके बेटे लच्छीराम को प्रधानमंत्री आवास योजना की किश्त मिली थी। दोनों ने अपना आशियाना बनाने के लिए निर्माण सामग्री लाकर रखी थी। बिंदेश्वरी प्रसाद की दस बोरी सीमेंट, बिस्तर व अनाज जल किया। लच्छीराम की 70 बोरी सीमेंट, आठ बोरी यूरिया, चार साइकिल, दस क्विंटल अनाज, सोलर सेट व पंपिंग सेट भी अग्निकांड की भेंट चढ़ गया। आग ने पलक झपकते ही पिता-पुत्र के अपनी छत के सपने को राख कर दिया। बालकराम की चारा मशीन भी आग में नष्ट हो गई।