Lucknow COVID-19 News: लखनऊ में 97 वर्षीय संक्रमित बाबा को डाॅक्टर पोतियों ने घर में किया ठीक, कोरोना के आगे नहीं हारी हिम्मत
लखनऊ में 97 वर्षीय संक्रमित बाबा को दैनिक कार्य करने में असमर्थ थे। दोनों डॉक्टर पोतियां ने न सिर्फ नहलाने का काम करती थी बल्कि रात में एक ही कमरे में सोती थी जिससे बाबा को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
लखनऊ, जेएनएन। अमूमन (97) वर्ष की उम्र में अगर कोई बुजुर्ग कोरोना से संक्रमित हो जाए और बुजुर्ग पहले से अल्जाइमर सहित बुढ़ापे में होने वाली बीमारियाें से ग्रस्त हो तो उसे अस्पताल जाना लगभग तय होता है, लेकिन लखनऊ में दो डाॅक्टर पोतियों ने अपने बाबा लल्लन बाबू सिंह को घर में ही चौदह दिन के भीतर ठीक कर दिया। इस दौरान डाक्टर श्रुति व हर्षिता स्वयं संक्रमित भी हो गई, लेकिन हिम्मत नहीं हारी।
बुढ़ापे के कारण दैनिक कार्य करने में असमर्थ बाबा की इन दोनों पोतियां न सिर्फ नहलाने का काम करती थी, बल्कि रात में एक ही कमरे में सोती थी, जिससे बाबा को किसी प्रकार की परेशानी न हो। चौदह दिन की तपस्या के बाद शक्ति नगर ढाल, कुकरैल निवासी लोकतंत्र सेनानी व पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता लल्लन बाबू सिंह (97) की आरटीपीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव आ गई। हालांकि इस दौरान दोनों पोतियां व लल्लन सिंह के सबसे छोटे बेटे अखिलेश सिंह व उनकी पत्नी किरन भी प्रभावित हुई, लेकिन एक-एक करके पूरा परिवार अनुशासन व दृढ़ संकल्प से कोरोना को हराने में सफल रहा। डाक्टर श्रुति कहती हैं कि कोरोना सीधे फेफडों में हमला करता है, दो दिन के भीतर ही बाबा को कोरोना ने पूरी तरह से जकड़ लिया था। यह हाल तब था जब पहले दिन से ही दवाइयां कोविड की शुरू कर दी गई थी। छठे दिन बुखार चढ़ना बंद हुआ, इस दौरान बाबा और भी कमजोर हो गए थे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ लेने के साथ ही भरपूर आराम किया और व्यायाम करते रहे, इसका असर यह हुआ कि 11वें दिन से सुधार होना शुरू हुआ और 14 वे दिन जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आई। इस दौरान दवाइयां, आक्सीजन लेवल और बुखार के लिए हर चार चार घंटे में चार्ट बनाकर निगरानी करते थे।