यूपी पालीटेक्निक में सातवें चरण की काउंसिलिंग शुरू, च्वाइस लाक के बाद 20 अक्टूबर से होगा आवंटन

संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से चल रही काउंसिलिंग में अब तक 10426 अभ्यर्थियों को सीटें आवंटित हुईं और 6891 ने लिया प्रवेश लिया है। सातवें चरण की काउंसिलिंग चल रही है। च्वाइस लाक के बाद 20 अक्टूबर से आवंटन शुरू होगा।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 03:13 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:44 PM (IST)
यूपी पालीटेक्निक में सातवें चरण की काउंसिलिंग शुरू, च्वाइस लाक के बाद 20 अक्टूबर से होगा आवंटन
यूपी पालीटेक्निक के सरकारी में 10097 और सहायता प्राप्त में 3863 सीटों पर होंगे प्रवेश।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से चल रही काउंसिलिंग में अब तक 10426 अभ्यर्थियों को सीटें आवंटित हुईं और 6891 ने लिया प्रवेश लिया है। सातवें चरण की काउंसिलिंग चल रही है। च्वाइस लाक के बाद 20 अक्टूबर से आवंटन शुरू होगा। 21 तक प्रवेश पूर्व दस्तावेजों की जांच कराई जा सकेगी। अभ्यर्थी निर्धारित केंद्रों पर जाकर जांच करवा सकते हैं। राजकीय में 10097, सहायता प्राप्त में 3863 और निजी संस्थानों में 1,85667 रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए जांच होगी।

संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के कार्यवाहक सचिव राम रतन ने बताया कि नौ चरणों में काउंसिलिंग पूरी होगी। इसके बाद रिक्त सीटों के सापेक्ष आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। इस वर्ष परीक्षा के लिए 3,02066 ने पंजीयन कराया था और उनमे से 1,87,640 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। इनमे से 1,74,770 पास हुए हैं। सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए कुल सीटें 2,28527 हैं। 13 सितंबर को परीक्षा परिणाम परिषद की वेबसाइट jeecup.nic.in व jeecup.org पर आनलाइन अपलोड कर दिया गया था। 14 सितंबर से आनलाइन काउंसिलिंग शुरू कर दी गई थी। सभी जिलों में 80 हेल्प डेस्क बनाए गए जिससे कोई परेशानी न हो। नवें चरण के बाद सीधे प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का पंजीयन शुरू होगा। इसके बाद च्वाइस लाक होगी। एक अभ्यर्थी 10 च्वाइस भर सकेगा। परिषद की वेबसाइट jeecup.nic.in पर सीटों का पूरा विवरण अपलोड कर दिया गया है। परेशानी होने पर टोलफ्री नंबर-18001806589 के अलावा परिषद मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम के नंबरों 0522-2630678 और 0522-2630667 पर संपर्क किया जा सकता है। वहीें निजी संस्थानों में प्रवेश लेने वालों का टोटा है जिससे उनकी नीद उड़ी हुइ्र है। प्रबंधकीय कोटा बंद होने से भी उन्हें परेशानी हो रही है। ऐसे में सीटें न भरने का दर्द अभी से सुनाई पड़ने लगा है।

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