Drama of Trauma in Lucknow: आठ दिन में भी पूरे नहीं हुए अफसरों के 72 घंटे, फर्जी ट्रामा सेंटरों को बचाने में जुटे जिम्मेदार

मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले फर्जी ट्रामा सेंटरों को बचाने में सीएमओ कार्यालय जुटा है। दैनिक जागरण के अभियान के बाद डीएम अभिषेक प्रकाश ने 72 घंटे के भीतर फर्जी ट्रामा सेंटरों को बंद करने को कहा था लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:55 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:55 AM (IST)
Drama of Trauma in Lucknow: आठ दिन में भी पूरे नहीं हुए अफसरों के 72 घंटे, फर्जी ट्रामा सेंटरों को बचाने में जुटे जिम्मेदार
डीएम अभिषेक प्रकाश ने बीस जुलाई को आधा दर्जन टीमें गठित कर शहर भर के ट्रामा सेंटरों की जांच करायी।

लखनऊ, [राजीव बाजपेयी]। मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले फर्जी ट्रामा सेंटरों को बचाने में सीएमओ कार्यालय जुटा है। दैनिक जागरण के अभियान के बाद डीएम अभिषेक प्रकाश ने 72 घंटे के भीतर फर्जी ट्रामा सेंटरों को बंद करने को कहा था, लेकिन 28 जुलाई की रात दस बजे तक (192 घंटे बाद भी) सीएमओ कार्यालय के अफसर अस्पतालों को बचाव करने में लगे थे। दैनिक जागरण ने 16 जुलाई को शहर में चल रहे फर्जी ट्रामा सेंटरों की पोल खोली थी। जागरण की पड़ताल में ट्रामा सेंटरों के भीतर ओटी में शराब की बोतलें बरामद की गईं तो कहीं पर बीए और बीएससी पास छात्र एप्रन पहन डाक्टर बनकर इलाज करते मिले थे। जागरण की खबर का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान में लेते हुए टीम नाइन को फर्जी ट्रामा सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

डीएम अभिषेक प्रकाश ने भी जागरण की खबर का संज्ञान लेते हुए बीस जुलाई को आधा दर्जन टीमें गठित कर शहर भर के ट्रामा सेंटरों की जांच करायी। प्रशासन ने 45 सेंटरों की जांच की, जिसमें 29 ऐसे ट्रामा सेंटर पकड़े गए, जो नियम-कानूनों को ठेंगा दिखाकर चलते मिले थे। मजिस्ट्रेट की जांच में अधिकतर अस्पतालों में डाक्टर नहीं मिले। अप्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ मरीजों की जान से खिलवाड़ करते मिले। अधिकांश के पास लाइसेंस नहीं थे और कुछ के एक्सपायर हो चुके थे। जांच में तमाम गंभीर खामियां सामने आयी थीं। डीएम के निर्देश पर 20 जुलाई की शाम को ही अपर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा 29 अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया था। इनमें से प्रशासन ने सात अस्पतालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए ताला डाल दिया था। एसीएमओ के नोटिस में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि 24 से 72 घंटे के बीच अस्पतालों को जवाब देना होगा। मगर 28 जुलाई की रात दस बजे तक बाकी किसी फर्जी ट्रामा सेंटर पर कार्रवाई नहीं की गई। जाहिर है मजिस्ट्रेट और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम के छापे में पकड़े जाने के बाद भी सीएमओ कार्यालय के अफसर अस्पतालों को बचाने में जुटे हैं।

इन अस्पतालों पर हुई कार्रवाई

सैफालिया आई केयर एंड हास्पिटल सम्राट हास्पिटल न्यू एशियन हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर चंद्रा हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर हिमसिटी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर हर्बल हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर बेस्ट केयर ट्रामा सेंटर

इनको नोटिस

शेफाली आई केयर एंड हास्पिटल, सम्राट हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, श्रीरमेश जनसेवार्थ हास्पिटल, लक्ष्य कैंसर हास्पिटल, हिंद हास्पिटल, साधना हास्पिटल, काकोरी हास्पिटल, माडर्न हास्पिटल एंड मैटेरनिटी सेंटर, न्यू एशिया हास्पिटल, लखनऊ तुलसी हास्पिटल, मेडी प्लस हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, दीपक लाइफ साइंसेज एंड ट्रामा सेंटर, द वेलकम हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, चंद्रा हास्पिटल, हिमसिटी हास्पिटल, गैलेक्सी हास्पिटल, शालिनी हास्पिटल, प्रभाकर हास्पिटल, उजाला हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, सिमना हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, एसएन हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, इकाना हास्पिटल, मेडविन हास्पिटल, बेस्ट केयर हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, उन्नति हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, जैना हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, सनफोर्ड हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, हर्बल हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, बुद्धा हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर।

फर्जी ट्रामा सेंटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश सीएमओ को दिए गए थे। अभी तक फर्जी ट्रामा सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना बेहद गंभीर बात है। इस पर सीएमओ कार्यालय से जवाब तलब किया जाएगा।           -अभिषेक प्रकाश, जिलाधिकारी। 

एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल की वजह से मैनपावर की दिक्कत हो रही है। इसलिए अभी अन्य जगहों पर छापा व अन्य कार्रवाई नहीं हो पाई है। 29 अस्पतालों को जहां छापा पड़ा था, उन्हें मूल प्रपत्र के साथ बुलाया गया है। नहीं आने पर अन्य को भी सील किया जाएगा। -डा. मनोज अग्रवाल, सीएमओ

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