UPPCL Update: लखनऊ में कोरोना से बिजली विभाग को झटका, राजस्व में 60 फीसद की कमी

लखनऊ में कोरोना की दूसरी लहर के कुप्रभाव से बिजली विभाग भी अछूता नहीं है। बिल न जमा होने से लगातार राजस्व में कमी आ रही है। पिछले दो माह में होटल फैक्ट्री और रेस्टोरेंट संचालकों द्वार जमा किये जाने वाले बिजली बिल में 60 फीसद की कमी आई है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 02:15 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 02:15 PM (IST)
UPPCL Update: लखनऊ में कोरोना से बिजली विभाग को झटका, राजस्व में 60 फीसद की कमी
लखनऊ में होटल, फैक्ट्री और रेस्टोरेंट संचालक नहीं दिखा रहे बिजली बिल भुगतान में रुचि।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर के कुप्रभाव से बिजली विभाग भी अछूता नहीं है। बिल न जमा होने से लगातार राजस्व में कमी आ रही है।

पिछले दो माह में होटल, फैक्ट्री, और रेस्टोरेंट संचालकों द्वार जमा किये जाने वाले बिजली बिल में 60 फीसद की कमी आई है। यही हाल छोटे और घरेलू उपभोक्ताओं का भी है। नौ लाख उपभोक्तओं में से सिर्फ पांच लाख 40 हजार उपभोक्तओं ने ही बिजली बिल जमा किया है। सामान्य दिनों में यह यह आकड़ा करीब 90 फीसद तक रहता है। यह हाल तब है जब सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे तक बिल जमा करने के लिए ई- सुविधा केंद्र खुले रहते हैं।

इन क्षेत्रों से कम हुई वसूली: एक खंड में दो से पांच उपकेंद्र है और प्रत्येक उपकेंद्र पर औसतन सात से दस हजार उपभोक्ता हैं। आलमबाग खंड, रहीमनगर, मोहनलालगंज, चिनहट खंड, रेजीडेंसी, चौक, ठाकुरगंज, अमीनाबाद, राजाजीपुरम, ऐशबाग, डालीगंज, बीकेटी, सेस के खंड, इंदिरानगर और कानपुर रोड खंड के उपभोक्ता बिजली बिज जमा करने में पीछे रहे।

एमडी (मध्यांचल) सूर्यपाल गंगवार ने कहा कि राजधानी के 26 खंडों के सवा सौ उपकेंद्र हैं। इन केंद्रों में करीब नौ लाख उपभोक्ता रजिस्टर्ड हैं। सामान्य दिनों की अपेक्षा में इन दो माह में 40 फीसद ही राजस्व आ पाया है। यह स्थिति तब है जब सभी जिलों में ई-सुविधा केंद्र खुले हैं। उपभोक्ता आनलाइन भुगतान भी कर सकते हैं। ऐसे में सिस व ट्रांस गोमती से आने वाला राजस्व का ग्राफ बढ़ाने की जरूरत है।

सवा साल से नहीं दौड़ा गरीबों का रथ: इंदिरानगर के रहने वाले सुशील के रिश्तेदार रायपुर में रहते हैं। उनको लखनऊ से रायपुर जाना था। स्टेशन जाकर पता किया तो बताया गया कि लखनऊ से रायपुर जाने वाली गरीब रथ का संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है। उनको लखनऊ से प्रयागराज और वहां से रायपुर जाने की सलाह दी गई। सुशील अकेले नहीं है। सप्ताह में दो दिन लखनऊ से रायपुर गरीब रथ एक्सप्रेस से करीब 1600 से 1800 यात्री सफर करते थे। पिछले साल 23 मार्च से देशभर में लाकडाउन के बाद से सभी ट्रेनों के साथ गरीब रथ का संचालन भी बंद हो गया था। अनलाक के बाद शताब्दी और राजधानी सहित अन्य एसी और नॉनएसी ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया, लेकिन गरीब रथ का संचालन नहीं किया गया। लखनऊ से रायपुर और भोपाल के अलावा अमृतसर और सहरसा से गरीब रथ गुजरती थी। रेलवे 15 जून के बाद कई ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रहा है। गरीब रथ से यात्रा करने वाले यात्रियों को भी ट्रेन के शुरू होने का इंतजार है। हालांकि रेलवे प्रशासन इस पर विचार कर रहा है।

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