COVID-19 News Update: लखनऊ में 24 घंटे में 5014 संक्रमित, राज्यमंत्री हनुमान मिश्र समेत 19 की मौत
लखनऊ में राज्यमंत्री हनुमान प्रसाद मिश्र व पूर्व विधानसभा सदस्य संडीला हरदोई कुंवर महाबीर कवि वाहिद अली वाहिद समेत कुल 19 लोगों की वायरस ने जान ले ली। लगातार आठवें दिन संक्रमित मरीजों की संख्या पांच हजार के ऊपर रही।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण ने मंगलवार को राज्यमंत्री हनुमान प्रसाद मिश्र व कानपुर से पूर्व संसद सदस्य और उप्र. व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष श्यामबिहारी मिश्र, पूर्व विधानसभा सदस्य संडीला हरदोई कुंवर महाबीर, कवि वाहिद अली वाहिद, पूर्वोत्तर रेलवे ओबीसी के पूर्व कर्मचारी एसोसिएशन लखनऊ महामंडल मंत्री आरपी यादव समेत कुल 19 लोगों की वायरस ने जान ले ली। वहीं बीते 24 घंटे में लोकबंधु कोविड अस्पताल में आइसीयू के चार डाक्टर समेत करीब नौ स्टाफ के साथ कुल 5014 नए लोग संक्रमित हुए हैं। लगातार आठवें दिन संक्रमित मरीजों की संख्या पांच हजार के ऊपर रही। हालांकि इस दौरान एक दिन में 3590 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। पूरे एक वर्ष में एक दिन में इससे पहले इतने मरीजों को कभी भी डिस्चार्ज नहीं किया गया था। इससे राहत की सांस ली जा सकती है। इससे एक दिन पहले सोमवार को 2641 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। यानि 48 घंटे में कुल 6231 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। मतलब साफ ही कि कुछ दिनोें से संक्रमित होने वाले लोगों के साथ ही साथ ठीक होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। लखनऊ में अब तक 1544 लोग कोरोना के शिकार होकर दम तोड़ चुके हैं। वहीं सक्रिय मरीजों की संख्या 52376 पहुंच चुकी है।
तारीख संक्रमित स्वस्थ मौत
20 5014 3590 19
19 5897 2641 22
18 5581 2348 22
17 5913 2176 36
16 6598 1675 35
15 5183 979 26
14 5433 1118 14
13 5382 1086 18
नहीं रहे कवि वाहिद अली वाहिद: कवि वाहिद अली वाहिद (59) का मंगलवार को हृदय गति रुक जाने के कारण निधन हो गया। उनकी छोटी बेटी अंजुम ने बताया कि सुबह उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद हम लोग अपनी गाड़ी से उन्हें लेकर लोहिया अस्पताल जा रहे थे लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड दिया। हम लोग उन्हें अस्पताल लेकर पंहुचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। खुर्रमनगर स्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द ए खाक किया गया। अंजुम ने बताया कि परिवार में मां नजमुन्निशा, बड़ी बेटी शामिया और भाई राशिद है। भाई कतर में रह रहा है, जो नहीं आ पाया। उनके निधन पर लोगों ने शोक व्यक्त किया है। वह आवास विकास परिषद में कार्यरत थे। उनकी दर्जनभर से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। साथ ही उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है।