यूपी में सरकारी आइटीआइ संस्थानों में खाली रह गईं 41,469 सीटें, निजी में भी दो लाख से ज्यादा सीटें रिक्त; प्रवेश शुरू
उत्तर प्रदेश में आइटीआइ में प्रवेश के अंतिम दिन बुधवार को महिलाओं की 40 फीसद सीटों के साथ 41469 सीटें खाली रह गईं। हालांकि पहले से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सभी प्रधानाचार्यो को निर्देश दिए गए हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। आइटीआइ में प्रवेश के अंतिम दिन बुधवार को महिलाओं की 40 फीसद सीटों के साथ 41,469 सीटें खाली रह गईं। हालांकि पहले से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सभी प्रधानाचार्यो को निर्देश दिए गए हैं। गुरुवार से पहले से आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को प्रवेश दिलाने की दौड़ शुरू होगी। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश क्षमता के मुकाबले दो गुना अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, बावजूद इसके अभी भी 41,469 सीटें खाली हैं। राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद के संयुक्त निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि रिक्त सीटों को भरने का प्रधानाचार्यो को निर्देश दिए गए हैं। हाईस्कूल की मेरिट के आधार पर प्रवेश सूची तैयार की जाएगी। महिलाओं की रिक्त सीटों को भी भरा जाएगा। प्राइवेट आइटीआइ में प्रवेश के लिए नए आवेदन और प्रवेश से वंचित को अपग्रेड के लिए परिषद की वेबसाइट (scvtup.in) पर जाना होगा। नए आवेदकों को 250 रुपये आवेदन शुल्क के साथ 29 तक आवेदन करना होगा। वहीं प्राइवेट आइटीआइ एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष राजेंद्र द्विवेदी ने बताया कि सर्वर काम न करने से नए आवेदन नहीं हो पा रहे हैं। सूबे में निजी संस्थानों में दो लाख से अधिक सीटें खाली हैं। 30 तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी है।
जानकारी के अभाव में खाली रही सीटें: परिषद के अधिकारियों की लापरवाही के चलते कक्षा आठ योग्यता वाली ट्रेडों की सीटें खाली रह गईं। अकेले चारबाग की राजकीय आइटीआइ में वेल्डर, शीट मेटल व स्वींग टेक्नोलाजी ट्रेड में प्रवेश न के बराबर है। अलीगंज का भी यही हाल है। आवेदन के दौरान वेबसाइट पर जूनियर हाई स्कूल योग्यता फीड करने पर ही यह विकल्प दिखता है। हाईस्कूल के आधार बताकर जानकारी दी जाती है जिससे आठवीं पास युवा प्रवेश से वंचित हो जाते हैं। आधी से अधिक सीटें खाली हैं। प्रदेश में 305 सरकारी और 2939 प्राइवेट आइटीआइ हैं।