डाटा सेंटर पार्क बनाने के लिए पहले चरण में 40 मेगावाट उत्पादन जरूरी, आइटी विभाग ने जारी की शर्तें

उप्र में डाटा सेंटर पार्क बनाने के लिए कंपनियों को पहले चरण में कम से कम 40 मेगावाट वाणिज्यिक उत्पादन जरूरी होगा। कंपनियों को डाटा सेंटर या डाटा सेंटर पार्क बनाने के लिए जमीन खरीदने या पट्टे पर लेने के लिए स्टांप ड्यूटी में शत-प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 09:19 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 02:39 PM (IST)
डाटा सेंटर पार्क बनाने के लिए पहले चरण में 40 मेगावाट उत्पादन जरूरी, आइटी विभाग ने जारी की शर्तें
उप्र डाटा सेंटर नीति 2021 को पहले ही अधिसूचित किया जा चुका है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उप्र में डाटा सेंटर पार्क बनाने के लिए कंपनियों को पहले चरण में कम से कम 40 मेगावाट वाणिज्यिक उत्पादन जरूरी होगा। कंपनियों को डाटा सेंटर या डाटा सेंटर पार्क बनाने के लिए जमीन खरीदने या पट्टे पर लेने के लिए स्टांप ड्यूटी में शत-प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 200 करोड़ रुपये तक के निवेश पर आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी फैसला करेगी। वहीं 200 करोड़ से अधिक के निवेश के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद निर्णय लेगी।

उप्र डाटा सेंटर नीति 2021 को पहले ही अधिसूचित किया जा चुका है। गुरुवार को इसका क्रियान्वयन कराने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए। अपर मुख्य सचिव (आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स) आलोक कुमार के मुताबिक आगामी पांच वर्षों के लिए यह नीति बनाई गई है। वर्ष 2026 तक यह लागू रहेगी। यूपी में 250 मेगावाट का डाटा सेंटर उद्योग स्थापित किया जाना है और इससे 20 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद है। डाटा सेंटर इकाई व डाटा सेंटर पार्क खोलने को प्रोत्साहन दिया जाएगा। तीन निजी डाटा सेंटर पार्क भी स्थापित किए जाएंगे। निवेश के लिए प्रस्ताव निवेश मित्र पोर्टल की मदद से लिए जाएंगे। फिलहाल इच्छुक निवेशकों से आवेदन मांगे गए हैं। मालूम हो कि डेटा सेंटर ऐसी जगह होती है जहां किसी कंपनी की आईटी गतिविधियों और उपकरणों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती। डाटा संग्रह, सूचनाओं के प्रोसेसिंग और दूसरे स्थान पर उसे पहुंचाने के साथ-साथ कंपनी के एप्लीकेशन से जुड़े कामकाज शामिल हैं।

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