कोविड 19 को लेकर लखनऊ में 2000 ICU बेड बढ़ाने तैयारी में जुटा प्रशासन, DM ने किया अस्पतालों का निरीक्षण
जिलाधिकारी द्वारा कंट्रोल रूम से ही कोविड वार्ड में रोगियों को किस प्रकार का उपकार उपलब्ध कराया जा रहा है उसका निरीक्षण किया। साथ ही जिलाधिकारी द्वारा कंट्रोल रूम से ही कोविड 19 के रोगियों से संवाद भी किया और उपचार के बारे में फीड बैक भी लिया।
लखनऊ,जेएनएन। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रशासन अब राजधानी में आइसीयू के दो हजार बेड और बढ़ाने के प्रयास में जुट गया है। डीएम अभिषेक प्रकाश ने आज अफसरों के साथ बैठक की और कई अस्पताल का निरीक्षण किया। बलराम पुर अस्पताल को ऑक्सीजन के जम्बो सिलेंडर उपलब्ध करने के निर्देश दिया।
कोविड 19 रोगियों को उपलब्ध कराए जा रहे उपचार के भौतिक सत्यापन के उद्देश्य से आज जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश द्वारा सहारा हास्पिटल, बलरामपुर हास्पिटल व एरा मेडिकल कालेज का औचक निरीक्षण किया गया। जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया गया। समस्त कोविड वार्डो की मॉनिटरिंग इंट्रीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम के द्वारा सीसीटीव कैमरों के माध्यम से होती पाई गई।
जिलाधिकारी द्वारा कंट्रोल रूम से ही कोविड वार्ड में रोगियों को किस प्रकार का उपकार उपलब्ध कराया जा रहा है उसका निरीक्षण किया। साथ ही जिलाधिकारी द्वारा कंट्रोल रूम से ही कोविड 19 के रोगियों से संवाद भी किया और उनको दिए जा रहे उपचार के बारे में फीड बैक भी लिया।
जिलाधिकारी ने बताया कि आज लखनऊ के 163 केंद्रों पर 500 से अधिक बूथों पर विशेष टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है। जिसके अंतर्गत 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का टीकाकरण कराया जाएगा। उक्त कार्यक्रम को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराते हुए महाउत्सव के रूप में मनाया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी हास्पिटलों को अपनी क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिये गए है। साथ ही बताया कि कोविड 19 उपचार हेतु लखनऊ में 2000 आईसीयू बेड बढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है। बलरामपुर हास्पिटल में 300 बेड कोविड 19 उपचार हेतु तैयार हो गए है। साथ ही टीएस मिश्रा,इंटीग्रल और एरा मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि कोविड 19 रोगियों के उपचार हेतु बलरामपुर हास्पिटल को 50 जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर जिला प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे है। जिलाधिकारी ने बताया कि कोविड 19 के रोगियों के उपचार में किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नही किया जाएगा।