लखनऊ में कोरोना से दो सौ बच्‍चों ने खोए माता-पिता, प्रशासन के सर्वे में हुई जानकारी

लखनऊ में बाल सेवा योजना की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 22 बच्‍चों के माता-पिता दोनों और 178 के एकल अभिभावक नहीं रहे। अब इन बच्‍चों को प्रशासन की ओर से सरकारी मदद दिलाने की तैयारी की जा रही है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 05:47 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 08:07 AM (IST)
लखनऊ में कोरोना से दो सौ बच्‍चों ने खोए माता-पिता, प्रशासन के सर्वे में हुई जानकारी
कोरोना महामारी से दो सौ बच्‍चे हुए अनाथ

लखनऊ [ राजीव बाजपेयी ] कोरोना काल में राजधानी के दो सौ बच्‍चों के सिर से उनके अभिभावकों का साया उठ गया। 22 बच्‍चे ऐसे थे, जिनके माता और पिता दोनों को कोरोना निगल गया, जबकि 178 बच्‍चों ने अपने माता और पिता में से किसी एक को खो दिया।

सरकार ने बाल सेवा योजना के तहत कोरोना महामारी में अपने अभिभावकों को खो चुके बेसहारा और अनाथ बच्‍चों के भरण-पोषण के लिए ऐसे बच्‍चों का सर्वे कराने के निर्देश दिए थे। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के मुताबिक सरकार के आदेश के बाद ही टास्क फोर्स बनाकर अनाथ हुए बच्‍चों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। तहसीलों से भी टीमें जांच में लगाई गई थीं।

प्रशासन ने बच्‍चों के आवेदन सत्‍यापन के लिए भेजे

प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 52 बच्‍चों के आवेदन पूरे कर संबंधित तहसीलों को सत्यापन के लिए भेजे जा चुके हैं। बाकी बच्‍चों के आवेदन के लिए प्रक्रिया चल रही है। प्रशासनिक अफसरों के मुताबिक अगर कोई बच्‍चा बाल सेवा योजना के दायरे में आ रहा है तो उसकी जानकारी चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर 1098 या महिला हेल्पलाइन 181 पर दे सकते हैं। आवेदन ब्लाक, तहसील या फिर जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय के माध्यम से भी कर सकते हैं।

आवेदन करते समय रखें इन बातों का ध्‍यान

आवेदन करते समय इस बात का ध्यान रखना है कि ऐसे बच्‍चे जिनके माता-पिता में से एक की मृत्यु हो गई है, तो उनके मौजूदा अभिभावक को दो लाख रुपये का आय प्रमाणपत्र देना होगा, वहीं जिन बच्‍चों के माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना से हो गई है, उनको किसी तरह के आय प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। योजना के तहत बच्‍चों के जीवन यापन के अलावा शिक्षा के साथ आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। इसके अलावा बालिकाओं की शादी के लिए भी धनराशि प्रदान की जाएगी। 

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