Women Empowerment : यूपी में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की समूह की 3521 महिलाओं में 1575 ने जीता पंचायत चुनाव
आधी आबादी को सम्मान दिलाने की सूबे की सरकार की मंशा के सापेक्ष जीत का आंकड़ा महिलाओं के उत्साह को दो गुना कर रहा है। सूबे के लिए गर्व की बात है कि ग्रामीण परिवेश में मुश्किलों से अपने परिवार का जीवन-यापन करने वाली महिलाएं अब सशक्त बन रही हैं।
लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। समूह बनाकर मास्क व सिलाई कढ़ाई करके परिवार चलाने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब परिवार के साथ गांव का विकास भी करेंगी। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी आधी आबादी को अब विकास करने की पूरी आजादी मिली है। मिशन की ओर से सभी को बधाई के साथ समूह को और सशक्त बनाकर अपनी जैसी महिलाओं को आर्थिक आजादी दिलाने का संदेश दिया गया है।
आधी आबादी को सम्मान दिलाने की सूबे की सरकार की मंशा के सापेक्ष जीत का आंकड़ा महिलाओं के उत्साह को दो गुना कर रहा है। सूबे के लिए गर्व की बात है कि ग्रामीण परिवेश में मुश्किलों से अपने परिवार का जीवन-यापन करने वाली महिलाएं अब सशक्त बन रही हैं। घरों में रहकर मास्क बनाने, भोजन बनाकर जरूरतमंदों को पैकेटों में वितरित करने, कोरोना काल में घर-घर काढ़ा बनाकर संक्रमितों को बचाने, सोलर लैंप बनाकर नौनिहालों के अंदर ज्ञान का उजियारा लाने वाली ये महिलाएं अब समाज को नई दिशा देंगी। मिशन प्रवक्ता मनोज कुमार ने बताया कि लखनऊ में समूह की 25 महिलाओं ने प्रधानी का चुनाव लड़ा और नौ ने जीत दर्ज की। बीडीसी के लिए लड़ने वाली सभी 22 ने जीत दर्ज की। 13 महिलाओं ने क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ा और छह जीतने में कामयाब रहीं।
पहली बार स्वयं सहायता समूह की 662 महिलाएं बनीं प्रधान: राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने बताया कि पंचायत चुनावों में स्वयं सहायता समूह का उत्कृष्ट प्रदर्शन अन्य महिलाओं को प्रेरणा देगा। पहली बार प्रदेश में मिशन की स्वयं सहायता समूह की 662 महिलाएं ग्राम प्रधान बनकर अपने गांव की जिम्मेदारी को संभालने जा रही है। परिणाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महिलाओं को सशक्त बनाने का सार्थक उदाहरण है। सूबे में 2.11 लाख स्वयं सहाता समूह संचालित हैं। 2022 तक 7.5 लाख समूह करने का लक्ष्य है।
जीत दर्ज कराने वाले टॉप 15 जिले
स्थान- चुनाव लड़ा- जीत
जीत पर एक नजर कुल चुनाव लड़ी महिलाएं-3521 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित-22 ग्राम प्रधान बनीं-662 बीडीसी बनीं-476