नई धान क्रय नीति पर मुहरः सरकार खरीदेगी 50 लाख मीट्रिक टन धान

योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार किसानों के लिए नई-नई योजनाएं ला रही है।इसी क्रम में आज योगी सरकार की कैबिनेट ने चार महत्वपूर्ण फैसलों पर अपनी मंजूरी की मुहर लगाई।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 08:01 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 08:25 AM (IST)
नई धान क्रय नीति पर मुहरः सरकार खरीदेगी 50 लाख मीट्रिक टन धान
नई धान क्रय नीति पर मुहरः सरकार खरीदेगी 50 लाख मीट्रिक टन धान

लखनऊ (जेएनएन)। किसानों को साधने में जुटी योगी सरकार ने नई धान खरीद नीति निर्धारित की है। मंगलवार को कैबिनेट ने धान क्रय नीति 2018-19 पर मुहर लगा दी। प्रदेश सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उतराई-छनाई के नाम पर 20 रुपये बोनस देने का एलान किया है। पिछले साल यह रकम 15 रुपये थी। केंद्र ने पहले ही धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कर दिया है। नीति पर मुहर लगने के बाद अब किसानों को धान की बिक्री पर प्रति क्विंटल 200 रुपये अधिक मिलेंगे। योगी सरकार ने पिछले साल की तरह इस बार भी किसानों से 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले साल इस लक्ष्य के सापेक्ष 42.90 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई थी। 

कैबिनेट बैठक में चार महत्वपूर्ण फैसले

लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में चार महत्वपूर्ण फैसले हुए। राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सामान्य धान का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल अब 1750 रुपये कर दिया गया है। पहले किसानों को प्रति क्विंटल 1550 रुपये मिलते थे। ग्रेड ए के धान का प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य अब 1770 रुपये हो गया है, जबकि पहले 1590 रुपये मिलते थे। खतौनी के आधार पर उत्पादन का 120 फीसद खरीद की जा सकती है। सरकार सिर्फ ऑनलाइन खरीद को ही मान्यता देगी। 

प्रोत्साहन राशि दोगुना, उतराई के लिए बीस रुपये

सरकार ने किसानों, मिलर और ठेकेदारों के लिए भी प्रोत्साहन राशि दोगुना की है। पहले उतराई, छंटाई, छनाई और धुलाई के लिए प्रति क्विंटल दस रुपये मिलते थे लेकिन, अब यह धनराशि बढ़ाकर बीस रुपये कर दी गई है। किसानों को यह धनराशि अलग से मिलेगी। मिलर को दिये गए धान का एक माह में भुगतान करने पर उन्हें प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि 20 रुपये मिलेगी, जबकि 45 दिन में चावल का संप्रदान न होने पर एक रुपये प्रति क्विंटल प्रतिदिन की दर से होल्डिंग प्रभार देय होगा। इसके अलावा सेला चावल की भी खरीद होगी। 

धान खरीद के लिए खुलेंगे तीन हजार क्रय केंद्र

धान खरीद के लिए इस बार भी पिछले साल की तरह तीन हजार क्रय केंद्र खोले जाएंगे। क्रय केंद्रों को राजस्व ग्रामों से सम्बद्ध किया जाएगा। सप्ताह में दो दिन सीमांत और लघु किसानों से भी खरीद होगी। पंजीकृत समितियां सीमांत कृषकों से 25 क्विंटल और लघु किसानों से 50 क्विंटल खरीद सकेगी। श्रीकांत शर्मा ने बताया कि खरीद के लिए टाइम लाइन निर्धारित करते हुए अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से समय तय किया गया है। सीतापुर, लखीमपुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़, और झांसी संभाग में धान की खरीद एक अक्टूबर से 31 जनवरी, 2019 के बीच होगी। लखनऊ संभाग में लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, हरदोई के अलावा चित्रकूट, कानपुर, फैजाबाद, वाराणसी, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, मीरजापुर और इलाहाबाद मंडल में धान खरीद एक नवंबर से 28 फरवरी, 2019 तक होगी। मिलों का सम्बद्धीकरण जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि सप्ताह में दो दिन सीमांत किसानों से प्राथमिकता पर ध्यान खरीदा जाएगा।  

किसानों को 72 घंटे में ऑनलाइन होगा भुगतान

धान बेचने से पहले किसानों को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। भूलेख को राजस्व विभाग के पोर्टल से लिंक किया गया है। सभी क्रय एजेंसियों पर ऑनलाइन पंजीयन होगा। किसानों के खाता बही, जोत बही और आधार कार्ड के आधार पर खरीद होगी। भुगतान ऑनलाइन होगा। यह भुगतान आरटीजीएस के जरिये 72 घंटे के भीतर होगा। चेक से भुगतान प्रतिबंधित कर दिया गया है।

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