फाइलों में हो गया लखनऊ में पशुओं का 100 फीसद टीकाकरण, हकीकत में अधूरा

लखनऊ के असोहड़ी खुर्दहरी व बिसईपुर समेत बख्शी का तालाब क्षेत्र के कई इलाकों में खुरपका व मुंहपका से बचाव का टीका नहीं लगा है। पशुपालन विभाग की फाइलों में 15 मई को राजधानी में 100 फीसद टीकाकरण का कार्य पूरा हो गया है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 07:30 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 02:45 PM (IST)
फाइलों में हो गया लखनऊ में पशुओं का 100 फीसद टीकाकरण, हकीकत में अधूरा
लखनऊ के पशुपालन विभाग की ओर से पूरे नहीं हुए टीकाकरण।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। बख्शी का तालाब के बरगदी कला निवासी अवधेश यादव के पास करीब एक दर्जन मवेशी हैं। उनके यहां पशुपालन विभाग का कोई कर्मचारी मवेशियों को टीका लगाने नहीं आया। मुंहपका और खुरपका बीमारी को लेकर वह परेशान हैं। अकेले अवधेश ही नहीं नदौली गांव ने सुरेश भी महीनों से टीका लगाने वाले कर्मचारियों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई नहीं आया, लेकिन राजधानी में टीकाकरण का 100 फीसद कार्य पूरा हो गया है।

दो पशुपालक ही नहीं लालपुर, असोहड़ी, खुर्दहरी व बिसईपुर समेत बख्शी का तालाब क्षेत्र के कई इलाकों में खुरपका व मुंहपका से बचाव का टीका नहीं लगा है। पशुपालन विभाग की फाइलों में 15 मई को राजधानी में 100 फीसद टीकाकरण का कार्य पूरा हो गया है। विभाग की ओर से हर छह महीने में सघन टीकाकरण अभियान चलाया जाता है। विभाग के रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र ईकाई की ओर से किए जाने वाले टीकाकरण की मानीटरिंग के लिए उप निदेशक से लेकर जिलाधिकारी तक की टीम बनाई गई, लेकिन जांच में सबकुछ ठीक पाया गया जबकि हकीकत इससे इतर है। राजधानी में गाय व भैंस मिलाकर 5.27 लाख मवेशियों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया।

जांच में उठे सवाल: लखनऊ में टीकाकरण का यह हाल है तो प्रदेश के अन्य जिलों में इसका क्या हाल होगा। मंडल स्तर पर चार जिले व जिले स्तर पर 50 गांव की अधिकारियों की जांच के बावजूद टीकाकरण सिर्फ फाइलों में किया गया। टीकाकरण अभियान में लखनऊ समेत प्रदेश में 4.76 करोड़ मवेशियों का टीकाकरण के लक्ष्य को शतप्रतिशत पूरा होने का दावा किया गया। एक टीके का मूल्य 1.90 रुपये है। फाइलों में टीके खरीदने और हवा में टीकाकरण के नाम पर करोड़ों का खेल होने की पशुपालकों ने शिकायत की है।

मवेशियों पर एक नजर

प्रदेश में 7.36 करोड़ मवेशी गाय-1.95 करोड़ भैंस-3.04 करोड़ बकरी-1.55 करोड़ भेंड़-13.54 लाख सुकर-13.34 लाख घोड़ा-1.54 लाख खच्चर-93 हजार गधे-57 लाख कुक्कट-1.86 करोड़

(2012 में हुई पशु गणना के अनुसार)

क्या कहते हैं अधिकारी: उप निदेशक, नियोजन डा.वीके सिंह ने कहा कि खुरपका और मुंहपका बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण का कार्य पूरा हो गया है। 26 लाख मवेशियों को गला घोंटू का भी टीका लगाया जा चुका है। टीकाकरण में यदि लापरवाही बरती गई है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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