Good News: यूपी में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों से गांवों तक पहुंचेगा रोजगार, खुलेंगे 10 इंक्यूबेशन सेंटर

प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उद्यान विभाग ने शानदार पहल की है। ऐसे उद्यमी जो खुद खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित नहीं कर पा रहे लेकिन उनके पास उत्पाद तैयार कराने का माद्दा है तो उन्हें जल्द अवसर मिलेगा।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 11:33 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 07:22 AM (IST)
Good News: यूपी में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों से गांवों तक पहुंचेगा रोजगार, खुलेंगे 10 इंक्यूबेशन सेंटर
केंद्र सरकार की योजना पर यूपी उद्यान विभाग खाद्य प्रसंस्करण के उत्पाद तैयार कराएगा।

लखनऊ, [धर्मेश अवस्थी]। प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उद्यान विभाग ने पहल की है, बशर्ते आपमें कुछ करने की मंशा हो तो उसे पूरा कराने में सरकार मददगार बनेगी। ऐसे उद्यमी जो खुद खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित नहीं कर पा रहे लेकिन, उनके पास उत्पाद तैयार कराकर बिक्री कराने का माद्दा है तो उन्हें जल्द अवसर मिलेगा। इसके लिए 10 इंक्यूबेशन सेंटर खोलने की मंजूरी मिल गई है, साथ ही दो निर्माण एजेंसियां भी तय कर दी गई हैं।

केंद्र सरकार की योजना पर उद्यान विभाग खाद्य प्रसंस्करण के उत्पाद तैयार कराएगा। सूबे के विभिन्न हिस्सों में जो उपज आसानी से उपलब्ध हो रही है उनसे संबंधित उत्पाद सेंटरों पर तैयार किए जाएंगे। मसलन, किसी क्षेत्र में आलू की उम्दा उपज होती है तो वहां के इंक्यूबेशन सेंटर में आलू से बनने वाले विभिन्न उत्पाद चिप्स आदि तैयार कराने के इंतजाम किए जाएंगे। हर सेंटर में तीन तरह के उत्पाद तैयार होंगे, उनका क्षेत्रवार चिन्हीकरण किया जा चुका है। निदेशक उद्यान विभाग आरके तोमर ने बताया कि सेंटर पर उत्पाद तैयार कराने वाले उद्यमी को उसकी पैकिंग करके बाजार में अलग से नाम से बेचने की छूट रहेगी।

उद्यमी को इसके लिए सिर्फ उत्पाद तैयार कराने का किराया देना होगा। हर इंक्यूबेशन सेंटर पर तीन करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। सेंटर बनाने के लिए दो निर्माण एजेंसियों प्रोजेक्ट कारपोरेशन व सिडको को नामित किया गया है। निर्माण कार्य पूरा होने पर वहां से संबंधित मशीनें उद्यान विभाग लगाएगा। तोमर ने बताया कि सेंटरों के संचालन की जिम्मेदारी तीसरे व्यक्ति यानी उद्यम चलाने में अनुभवी लोगों को दी जाएगी। उनकी सेवाशर्तें आदि बनाई जा रही हैं, उसी के साथ उत्पाद का किराया भी तय कर दिया जाएगा।

स्थानीय उपज को मिलेगा बाजारः इस योजना में उद्यमियों को अवसर मुहैया कराया जा रहा है, उत्पादन बनवाना और उसे बनाने की जिम्मेदारी तय की जाएगी, विभाग उसकी देखरेख करता रहेगा। पहल से स्थानीय उपज को नए रूप में बाजार मिलेगा और उसका लाभ उपभोक्ता व उद्यमी दोनों को होगा। 

क्या है इंक्यूबेशन सेंटरः स्टार्टअप व्यवसाय को विकसित करने में मदद करने वाले संस्थानों को इंक्यूबेशन सेंटर कहा जाता है। ये प्रारंभिक चरण में स्टार्टअप्स के लिए संजीवनी के सामान होते हैं, ये संस्थान आम तौर पर स्टार्टअप्स को व्यापारिक व तकनीकी सुविधाओं, सलाह, प्रारंभिक विकास निधि, नेटवर्क और संबंध, सहकारी रिक्त स्थान, प्रयोगशाला की सुविधा जैसी सुविधाएं देते हैं।

इन जिलों में बनेंगे सेंटर 

    नाम                                 तैयार होंगे उत्पाद  आगरा                           पेठा, नमकीन, आलू से बने उत्पाद अलीगढ़                         दूध, नमकीन, बेकरी अयोध्या                         गुड़, हल्दी, दूध आदि बस्ती                             गुड़, सिरका, बेकरी झांसी                             केला, हल्दी, बेकरी गोरखपुर                        तुलसी, बाजरा, हल्दी मेरठ                             गुड़, हल्दी, बेकरी वाराणसी                        दूध, मिर्च, बेकरी बरेली                             दूध, आलू व बेकरी

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