लखनऊ में एफसीआइ का फर्जी अफसर बनकर 60 बेरोजगारों से ठगे 1.75 करोड़, ऐसे युवाओं को फंसाया

महानगर कोतवाली में इंदिरानगर के एक युवक ने 12 के खिलाफ दर्ज मुकदमा कराया है। जालसाजों ने वर्ष 2020 में नियुक्ति पत्र दिए थे। इसके बाद कई जनपदों में ट्रेनिंग कराई। फिर कुछ कारण बताकर ज्वाइनिंग में इंतजार करने के लिए कहा। इस तरह एक साल तक और टरकाते रहे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 04:36 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 04:36 PM (IST)
लखनऊ में एफसीआइ का फर्जी अफसर बनकर 60 बेरोजगारों से ठगे 1.75 करोड़, ऐसे युवाओं को फंसाया
12 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया

लखनऊ, जेएनएन। जालसाजों ने खुद को एफसीआइ (फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया) का अधिकारी बताकर करीब 60 बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर 1.75 करोड़ रुपये ठग लिए। पीडि़त की तहरीर पर महानगर पुलिस ने 12 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच कर रही है।

 इंस्पेक्टर महानगर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि इंदिरानगर निवासी मनीष राय एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे। नौकरी के दौरान उनकी मुलाकात सत्य प्रकाश त्रिपाठी नाम के व्यक्ति से हुई। उसने अपने साथी नीरज और अभिषेक दुबे से मुलाकात कराई। तीनों में दोस्ती हो गई। इस दौरान अभिषेक ने मनीष से कहा कि एफसीआइ में ग्रुप सी डिवीजन में सीधी भर्ती होने वाली है। मोटा वेतन मिलता है। रुपये खर्च करने पड़ेंगे पर नौकरी पक्का लग जाएगी। क्योंकि एफसीआइ दिल्ली में उसके कई बड़े अफसर जानने वाले हैं। मनीष और उनके कुछ रिश्तेदारों को नौकरी की जरूरत थी। अभिषेक के कहने पर वह अपने भांजे राम मनोहर राय, अनीस राय के अलावा अन्य परिचितों में मुन्ना, राजकुमार समेत कई लोगों के साथ दिल्ली पहुंचा। दिल्ली के बारा खंभा में आफिस का पता बताया गया था। वहां पर कविता चौबे और राजन चौबे से उनकी मुलाकात हुई। इन दोनों के अलावा रवि प्रकाश और राकेश सिंह भी मिले। उन्होंने बताया कि वह एफसीआइ में अधिकारी हैं। सभी के दस्तावेज आदि जमा किए गए। वर्ष 2019 में नीरज लखनऊ आया। महानगर स्थित एक रेस्टोरेंट में उसे 22 लाख रुपये दिए गए। इसके बाद कई अन्य किस्तों में कुल 60 लोगों से नीरज व अन्य ने 1.75 करोड रुपये लिए। रुपये लेने के बाद भी नौकरी नहीं लगी।

कई जनपदों में कराई ट्रेनिंग, दो साल इंतजार के बाद भी नहीं मिली नौकरी 

मनीष ने बताया कि जालसाजों ने वर्ष 2020 में उन्हें नियुक्ति पत्र दिए। इसके बाद कई जनपदों में सबकी ट्रेनिंग कराई। फिर कुछ कारण बताकर ज्वाइनिंग में थोड़ा इंतजार करने के लिए कहा। इस तरह एक साल तक और टरकाते रहे। 2019 से अबतक दो साल हो गए पर सब नियुक्तिपत्र लेकर घूम रहे हैं। किसी की ज्वाइनिंग नहीं हुई। बाद में पड़ताल की गई तो नियुक्तिपत्र फर्जी होने का पता चला। इसके बाद लोगों ने रुपये की मांग की तो गाली-गलौज कर धमकाने लगे। मामले की तहरीर महानगर कोतवाली में देकर मुकदमा दर्ज कराया गया। इंस्पेक्टर महानगर ने बताया कि मनीष की तहरीर पर नीरज पांडेय, अभिषेक दुबे, रवि प्रकाश, राकेश ङ्क्षसह, राजन चौबे, कविता चौबे, अनूप श्रीवास्तव, संजू श्रीवास्तव, जितेंद्र, राज रस्तोगी और अमरेंद्र सिंह समेत 12 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। 

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