रंजिशन युवक की लाठी से पीटकर हत्या

भीरा क्षेत्र के सोनीपीपर में बुधवार देर शाम युवक की लाठी-डंडे से पीटकर हत्या कर दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 10:38 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 10:38 PM (IST)
रंजिशन युवक की लाठी से पीटकर हत्या
रंजिशन युवक की लाठी से पीटकर हत्या

लखीमपुर: भीरा क्षेत्र के सोनीपीपर में बुधवार देर शाम युवक की लाठी-डंडे से पीटकर हत्या कर दी गई। हत्याकांड की वजह रंजिश बताई जा रही है। मृतक की पत्नी ने तीन लोगों को नामजद करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। हत्याकांड के बाद से गांव में तनाव है। जिसे देखते हुए फोर्स तैनात की गई है।

मृतक की पत्नी उपन्ना देवी ने तहरीर में बताया कि रामजस (32) निवासी सोनपीपर मजदूरी का काम कर परिवार का भरण पोषण करता था। बुधवार को बाहर से काम कर शाम को घर वापस आया था। उस समय गांव के ही निवासी सुरेश, गुड्डू व मुनेश आ गए और रामजस से किसी बात को लेकर कहासुनी होने लगी। बात बढ़ी तो हाथापाई होने लगी। आरोप लगाया कि हमलावरों ने हाथ में लिए लाठी से रामजस के सिर पर प्रहार कर दिया और भाग गए। सिर पर आई चोट से रामजस जमीन पर गिर गया। भीरा पुलिस आनन-फानन में रामजस को बिजुआ सीएचसी ले गई। जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया, वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस एक आरोपी से पूछताछ कर रही है। एक आरोपी फरार है। जिसकी तलाश की जा रही है। पत्नी ने बताया कि कुछ समय पहले भी विपक्षियों से विवाद हुआ था। इस बात से वह रंजिश मान रहे थे। कोतवाल अजय राय का कहना है कि पारिवारिक विवाद में यह घटना हुई है। विवाद का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। अभी दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। जिनसे पूछताछ की जा रही है। हफ्तेभर बाद मिला नहर में गिरे सिपाही का शव एक हफ्ते पहले पिकअप की टक्कर से नहर में गिर कर लापता हुए सिपाही का शव गुरुवार सुबह बरामद हुआ। बड़ागांव के पास नहर पुल से गुजर रहे एक फेरी वाले ने शव देखा तो फोन कर पुलिस व ग्रामीणों को खबर दी। इसके बाद सैकड़ों लोग मौके पर एकत्र हो गए। शारदानगर चौकी इंचार्ज महेश गंगवार ने रस्सी के जरिए शव को बाहर निकलवाया। खबर पाकर सदर कोतवाल सुनील कुमार सिंह भी आ गए। 16 फरवरी की रात इसी क्षेत्र के ग्राम मुराउनपुरवा के पास लखीमपुर से लौट रहे सिपाही कौशल व उमाशंकर की मोटरसाइकिल को पीछे से पिकअप ने टक्कर मार दी थी। घटना में सड़क पर गिरा कौशल बुरी तरह जख्मी है, जबकि उमाशंकर उछल कर नहर में जा गिरा था। उसको नहर में तलाश करने के लिए अब तक सभी कोशिशें बेकार गई थीं। हफ्ते भर बाद जब शव सतह से ऊपर आया तब बरामदगी संभव हुई।

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