खेत में बाघ की मौजूदगी से ग्रामीण भयभीत

बाघ की आमद से ग्रामीण भयभीत हो गए हैं। बुधवार शाम को देखे जाने के बाद देर रात बाघ ने किसान की बछिया को निवाला बना लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 10:27 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 10:27 PM (IST)
खेत में बाघ की मौजूदगी से ग्रामीण भयभीत
खेत में बाघ की मौजूदगी से ग्रामीण भयभीत

लखीमपुर : बाघ की आमद से ग्रामीण भयभीत हो गए हैं। बुधवार शाम को देखे जाने के बाद देर रात बाघ ने किसान की बछिया को निवाला बना लिया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने रातभर गश्त की है।

गांव गोविदपुर फार्म निवासी किसान मोहन सिंह घाघी नाला के बाबा घाट के निकट स्थित गन्ने के खेत को देखने गये थे। उसी दौरान रास्ते पर दौलतापुर निवासी संदीप सिंह बाइक से घर जा रहा था। उन्हें नाले की झाड़ियों से गन्ने के खेत में बाघ घुसता दिखाई पड़ा। बाघ को देखकर बाइक को छोड़ भागते हुए शोर मचाया और गांव जाकर बाघ के बारे में जानकारी दी। बाघ होने की खबर पाकर कुलदीप सिंह, सतनाम सिंह, मंजीत सिंह, करमजीत आदि लोग पहुंच गये और शोर-शराबा करने लगे। शोर सुनकर बाघ मोहन सिंह के खेत से निकलकर रास्ते पर आ गया और स्वर्ण सिंह के गन्ने के खेत में घुस गया। अंधेरा बढ़ता देख ग्रामीण अपने अपने घर लौट गये और वन विभाग को सूचना दी। कुछ देर बाद बाघ यहीं के बीरबल की बछिया गन्ने के खेत में खींच ले गया। सूचना पर पहुंचे वन क्षेत्राधिकारी राम मिलन ,वन दरोगा शिवबाबू सरोज, वन दरोगा मनोज यादव, वन रक्षक भूपेन्द्र सिंह आदि ने गन्ने के खेतों की कांबिग की व देर रात तक गश्त करते रहे। इस बावत वन क्षेत्राधिकारी राम मिलन ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर मय टीम के साथ मौके पर गया था। गांव वालों को सावधान रहने के लिये कहा गया है। बाघ सुरक्षा माह मनाने की तैयारियां जोरों पर बाघों की मौजूदगी को लेकर संवेदनशील हुई महेशपुर रेंज में इन दिनों बाघ सुरक्षा माह मनाए जाने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। गत वर्षों की भांति इस बार भी एक दिसंबर से 31 दिसंबर तक बाघ सुरक्षा माह मनाए जाने के लिए जागरूकता पर फोकस किया जाना है। इस दौरान जंगल से सटे इलाके के गांवों में मानव-बाघ संघर्ष रोकने के लिए ग्रामीणों में विचार गोष्ठियां कर, बाघ की मौजूदगी को दर्शाती होर्डिंग्स एवं पंफ्लेट बांटकर जागरूक किया जाएगा, ताकि बाघ हमलों की घटनाओं से बचा जा सके। जाड़े के दिनों में अधिकांश बाघ आदि वन्यजीव धूप सेंकने के लिए जंगल के बाहर का रुख करते हैं। इन्हीं दिनों में खेतों में गन्ना कटाई आदि के कार्य भी बढ़ जाते हैं। वन दारोगा जगदीश वर्मा ने तैयारियों के परिप्रेक्ष्य में बताया कि ग्रामीण बाजारों, गन्ना सेंटरों, स्कूलों, आवागमन के प्रमुख मार्गों व चौराहों पर बाघ बाहुल्य इलाके व उनकी मौजूदगी दर्शाती और बचाव के उपाय बताती फ्लेक्सी होर्डिंग्स लगाई जा रही हैं।

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