देखा बाघ तो उड़ गई पूरे गांव की नींद
मूड़ासवारान: भीरा रेंज में जंगल से महज पांच-छह किलोमीटर की दूरी पर बसा गांव हमीदाबाद।
मूड़ासवारान: भीरा रेंज में जंगल से महज पांच-छह किलोमीटर की दूरी पर बसा गांव हमीदाबाद। ग्रामीण अपने घरों में खाना खा रहे थे, तभी शोर मचा कि बाघ गांव के मुहाने पर धान के खेत तक आ गया है और गांव की तरफ बढ़ रहा है। इतना सुनते ही पूरे गांव में दहशत फैल गई। लोग घरों से बाहर निकल आए और इकट्ठा होकर बाघ से बचने की जुगत में लग गए। ग्रामीणों ने बाघ के आने की सूचना वन विभाग को दी और लाठी-डंडा लेकर खेत की ओर बढ़ गए। ग्रामीणों ने पहले शोर मचाया और फिर टायर जलाकर बाघ की तलाश करने लगे। करीब चार से पांच घंटे तक सैकड़ों ग्रामीण खेतों में शोर मचाते हुए खाक छानते रहे लेकिन जब बाघ कहीं दिखाई नहीं पड़ा तो थक हारकर ग्रामीण गांव में लौट आए। बाघ की दहशत के कारण पूरे गांव के लोगों ने एक जगह पर इकट्ठा रहकर रात गुजारी। हैरत की बात ये है कि बार-बार सूचनाओं के बावजूद वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
गांव के फुंदन खान धान के खेत में बाघ देखा गया। खेत गांव से सटा होने के वह जगपत्ता के नल के पास आकर खड़ा हो गया। ग्रामीणों के मुताबिक बाघ पिछले कई महीनों से आबादी के इर्द-गिर्द घूम रहा है। करीब एक पखवाड़े पहले बाघ ने सात बकरियों को अपना निवाला बना लिया था। अक्सर बाघ की मौजूदगी के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। हमीदाबाद निवासी आशु खान, रोमान खान, गुड्डू, आरजू खान, नरवैल ¨सह, कुल¨चदर ¨सह आदि लोगों का कहना है कि बाघ के कारण किसान और मजदूर खेतों में जाने से कतरा रहे हैं। जबकि वन विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।