सत्यापन के फेर में फंसा बेसिक के 1590 नए शिक्षकों का वेतन
लखीमपुर बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती हुए 1590 शिक्षकों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
लखीमपुर: बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती हुए 1590 शिक्षकों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। उनके चयन को चार माह से ज्यादा का समय गुजर गया है, लेकिन विभाग से उन्हें वेतन मिलना शुरू नहीं हुआ है। इसके पीछे उनके प्रपत्रों का सत्यापन न होना बताया जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक, सितंबर माह में खीरी जिले में 1600 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती हुई थी। जिन्हें न सिर्फ बेसिक शिक्षा विभाग में ज्वाइन कराया गया, बल्कि उनके स्कूलों का आवंटन भी हो गया। इस प्रक्रिया को भी तीन माह गुजर गए हैं। बताया जा रहा है कि नए शिक्षकों के प्रपत्रों के सत्यापन कार्य की पहले अनदेखी की गई। महीनों शिक्षकों की फाइलें रखी रहीं, लेकिन अधिकारी चुप्पी साधे रहे। जिसके कोरोना को लेकर एहतियात बरता जाने लगा। फिर कुछ दिन बाद कोरोना कर्फ्यू लग गया। जिसके कारण नए शिक्षकों की पत्रावलियों पर किसी की नजर नहीं पड़ी। सिर्फ 10 शिक्षकों के प्रपत्रों को ही सत्यापित किया गया, जिससे उन्हें ही वेतन मिल पा रहा है। अब अधिकारी बता रहे हैं कि नए शिक्षकों का ऑनलाइन 2003 के बाद हाईस्कूल व इंटर के प्रपत्रों का सत्यापन तो हो जा रहा है, लेकिन विश्वविद्यालयों के बंद होने के कारण स्नातक और बीएड के सर्टिफिकेट सत्यापित नहीं हो पा रहे हैं। कानपुर विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षकों का वर्ष 2009 के बाद
कुछ सत्यापन ही हो पा रहा है। नए शिक्षकों का इस समस्या के कारण उनका वेतन भी लटक गया है।
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जिम्मेदार की सुनिए
बीएसए बुद्धप्रिय सिंह का कहना है कि लॉक डाउन के कारण शिक्षकों से प्रपत्रों का ऑनलाइन सत्यापन किया जा रहा है। यह कार्य प्रगति पर है और तेजी से किया जा रहा है। दो से तीन दिन में 450 शिक्षकों का सत्यापन कार्य पूरा कर उनके वेतन के लिए आदेश जारी कर दिया जाएगा और प्रपत्र लेखा अनुभाग भेज दिया जाएगा। जिससे उन्हें कोरोना काल में वेतन मिल सके।