लखीमपुर खीरी हिंसा के संदिग्धों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा
लखीमपुर खीरी हिसा के संदिग्ध आरोपितों की तलाश जारी है।
लखीमपुर : लखीमपुर खीरी हिसा के संदिग्ध आरोपितों की तलाश जारी है। जो लोग वीडियो फुटेज में प्रथम दृष्टया आरोपित नजर आ रहे हैं, वे सभी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। पकड़ा जाना तो दूर उनकी पहचान भी नहीं हो पाई है। अब इस मुहिम में एसआइटी ने जनता का सहयोग मांगा है और संदिग्ध आरोपितों के पोस्टर चस्पा कराए हैं। लोगों से अपील की है कि अगर इनमें से किसी को भी जानते या पहचानते हैं तो पुलिस को सूचित करें।
दरअसल, लखीमपुर खीरी हिसा में भड़की गुस्से की आग के बीच एक पत्रकार और तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के एक-दो, नहीं कई वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए। इस मामले में अब तक केवल चार आरोपितों की ही गिरफ्तारी हो सकी और करीब एक दर्जन से अधिक आरोपितों की पहचान तक अभी नहीं हो पाई। आरोपित प्रदर्शनकारी किस जिले से आए थे, यह पता लगाने में एसआइटी के पसीने छूट रहे हैं। एएसपी अरुण कुमार सिंह कहते हैं कि आरोपितों की पहचान के लिए कई स्तर पर प्रयास चल रहा है। लोग इसमें सहयोग करें, ताकि पीड़ित पक्ष को इंसाफ मिल सके।
किसानों की पैरवी कर रहे वकील को मिली धमकी खीरी हिसा में किसानों की ओर से पैरवी कर रहे वकील को धमकी मिलने का मामला सामने आया है। पीड़ित वकील ने एसपी को प्रार्थनापत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
शहर के मुहल्ला हाथीपुर निवासी वकील मो. अमान ने एसपी को दिए गए प्रार्थनापत्र में कहा है कि वह अपने पिता मो. ख्वाजा के साथ संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से खीरी हिसा की न्यायिक पैरवी कर रहे हैं। आरोप है कि बीती 29 नवंबर को कलेक्ट्रेट परिसर में तीन अज्ञात व्यक्ति कह रहे थे कि यही है ख्वाजा वकील, देख लो इसे। उस दिन मो. अमान हाईकोर्ट में आशीष मिश्र के विचाराधीन जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करने लखनऊ गए थे। एक दिसंबर को सुबह पांच बजे मो. अमान लखनऊ से वापस अकेले आ रहे थे कि सीतापुर बाईपास से पहले उनकी कार में एक ट्रक ने टक्कर मार दी। मामले में सीओ सिटी अरविद कुमार वर्मा ने बताया कि कार में टक्कर वाली घटना सीतापुर की है। बाकी फेसबुक पोस्ट ओर कलेक्ट्रेट वाले मामले की जांच कराई जाएगी।