सावन के पहले दिन पौराणिक शिवालय में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक

रविवार से सावन माह शुरू हो गया। पौराणिक शिवालय में भक्तों ने पहुंचकर जलाभिषेक किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:52 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 10:52 PM (IST)
सावन के पहले दिन पौराणिक शिवालय में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक
सावन के पहले दिन पौराणिक शिवालय में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक

लखीमपुर : रविवार से सावन माह शुरू हो गया। पौराणिक शिवालय में भक्तों ने पहुंचकर भूतभावन भगवान आशुतोष का फल, फूल, बेलपत्र, मिठाई आदि अर्पण कर दूध, गंगाजल से अभिषेक कर मत्था टेका। वहीं शासन के निर्देश पर साप्ताहिक बंदी के चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।

सावन माह में गोला के पौराणिक शिवालय में प्रति वर्ष सुदूर क्षेत्रों से बड़ी संख्या में हरिद्वार, फर्रुखाबाद सहित पावन नदियों से श्रद्धा पूर्वक जल लाकर भक्त भूतभावन भगवान का जलाभिषेक करते थे। इसके चलते सुबह से ही शहर सहित मंदिर परिसर भक्तों के जयघोष से गुलजार रहा करता था। कांवड़ियों की हर हर बम बम के नाद से शहर में चहल पहल बनी रहती थी। शहर का हर बाशिदा सावन माह में लगने वाले मेले को लेकर उत्साहित रहता था लेकिन, कोरोना महामारी को लेकर बचाव के लिए जागरूकता के साथ पाबंदियों से जूझ रहे भक्त व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन की सख्ती के चलते पौराणिक शिवालय में इस बार सावन के पहले दिन कम ही संख्या में भक्तों ने मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना किया। सुदूर क्षेत्रों से सावन माह में पहले ही दिन आने वाले भक्तों की संख्या शून्य रही। शहर के लोगों ने नित्यप्रति पूजन अर्चन के साथ भगवान का अभिषेक किया।

भक्तों के लिए बंद रहेंगे शिवालय के कपाट सावन माह को लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली थी लेकिन, अंतत: शासन व प्रशासन के मध्य गहन मंथन एवं विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया गया कि अब सावन माह में सोमवार को मंदिर के कपाट भक्तों के पूजन अर्चन के लिए नहीं खोले जाएंगे। जबकि निर्धारित समय पर भगवान का पूजन अर्चन व रात्रि श्रृंगार पूजा की जाएगी। इसके अतिरिक्त अन्य दिनों में सामान्य तरीके से मंदिर में पूजन अर्चन किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त अन्य सोमवारों को मंदिर खोले जाने को लेकर मंथन जारी है। एसडीएम अखिलेश यादव ने बताया कि काफी विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया गया है कि सोमवार को मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। मंदिर में भगवान की आरती पूजन निर्धारित समय पर की जाएगी। लेकिन भक्तों का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा।

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