70 पंचायत भवनों की पूर्णता पर साधी चुप्पी
लखीमपुर कमिश्नर ने नौ ग्राम पंचायतों में जमीन न मिलने पर जताई नाराजगी।
संवादसूत्र, लखीमपुर: पंचायत भवनों की दशा सुधरी नहीं। जिले में 70 पंचायत भवन हैं, जो अभी पूरे नहीं हुए हैं। अधिकारियों ने भी पंचायत भवनों पर चुप्पी साध रखी है। नौ ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां पंचायत भवन बनाने के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। कमिश्नर ने जमीन की उपलब्धता को लेकर अधिकारियों के रवैये से नाराजगी जताई है।
शासन की मंशा है कि ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन से ही वहां की समस्याओं का निदान कराया जाए। इसके लिए 1165 ग्राम पंचायतों में पंचयत भवनों की दशा सुधारने का अभियान चलाया गया। पाया कि जिले की 412 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन नहीं हैं। जिसके बाद शासन ने ग्राम निधि से एक पंचायत भवन के लिए 12 से 20 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया। एक साल से ज्यादा का समय गुजर गया है, लेकिन जिन 70 पंचायत भवनों का निर्माण लटका हुआ है, उनमें नौ के लिए जमीन नहीं मिल पाई है। 10 प्लिथ स्तर तक हैं, 18 छत स्तर तक तथा 47 अभी प्लास्टर स्तर तक ही बन पाए हैं। जिले में 753 पंचायत भवन पहले से बने हुए हैं और 333 नए बनाए गए हैं, लेकिन 70 का निर्माण पूरा न होने से जिले के सभी पंचायत भवनों में कामकाज शुरू नहीं हो पा रहा है।
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पंचायत सहायकों की नियुक्ति के बाद भी बेपरवाही
पंचायत भवनों में डाटा एकत्रित करने और शिकायतों को फीड करने के लिए कम्प्यूटर रखे जाने हैं, जिन्हें पंचायत सहायक आपरेट करेंगे। जिले में करीब एक हजार पंचायत सहायकों की नियुक्ति हो गई है। उन्हें अब पंचायत भवनों में कामकाज शुरू होने का इंतजार है। लेकिन अधिकारियों की बेपरवाही के कारण पंचायत भवन सक्रिय नहीं हो पा रहे हैं।
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जिम्मेदार की सुनिए
डीपीआरओ सौम्यशील सिंह का कहना है कि पंचायत भवन बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर राजस्व विभाग से समन्वय बनाकर जमीन तलाश की जा रही है। जो पंचायत भवन अधूरे हैं, उन्हें जल्द पूरा करवाकर पंचायत सहायकों को बैठाया जाएगा।