पापा के ऑफिस से संजोया अधिकारी बनने का सपना

सपना भारद्वाज ने अपने नाम जैसा बड़ा सपना पापा के ऑफिस में जाकर देख लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 10:33 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 10:33 PM (IST)
पापा के ऑफिस से संजोया अधिकारी बनने का सपना
पापा के ऑफिस से संजोया अधिकारी बनने का सपना

लखीमपुर: सपना भारद्वाज ने अपने नाम जैसा बड़ा सपना पापा के ऑफिस में जाकर देख लिया। उन्होंने सपनों की उड़ान भरने की कोशिश भी शुरू कर दी। तमाम कठिनाइयों व सामाजिक माहौल के साथ सामंजस्य बैठाना उनके लिए बहुत कठिन था, लेकिन मन की लगन ने तमाम चुनौती को पीछे छोड़ दिया। पापा क्लर्क की पोस्ट पर तैनात होने के चलते घर की आर्थिक स्थित भी संघर्षपूर्ण रही। निश्चित सैलरी में घर का बजट कई बार बिगड़ा। परिवार की देखभाल के साथ हम सबकी पढ़ाई में होने वाला खर्च बमुश्किल निकल पा रहा था। पढ़ाई के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी करनी थी। ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई की जरूरतों को पूरा किया। कड़ी मेहनत से लोअर पीसीएस की परीक्षा में सफलता के साथ ही उनका सपना भी पूरा हो गया। मौजूदा समय में नगर पंचायत बरबर में अधिशाषी अधिकारी की कुर्सी संभाल रही सपना भारद्वाज अपने जीवन के संघर्ष को जागरण के साथ साझा करते हुए बताती हैं कि पापा एक सरकारी दफ्तर में एकाउंट क्लर्क के पद पर तैनात रहे। तीन भाई-बहनों में बड़े होने की वजह से उनपर जिम्मेदारी भी ज्यादा रही। पापा की तैनाती के दौरान कई बार उनको पापा के ऑफिस में जाना पड़ा। ऑफिस में तैनात अधिकारी का रुतबा, कार्यशैली व ऑफिस का माहौल उनके मन में घर कर गया। कठिन परिश्रम के साथ मन को अधिकारी बनाने के लिए संकल्पित कर लिया। तमाम कठिनाइयों से बेपरवाह होकर संघर्ष के साथ मंजिल की ओर बढ़ते कदमों ने आखिर मुकाम हासिल ही कर लिया। सपना भारद्वाज के ईओ बरबर की कुर्सी पर बैठने के बाद भी बरबर के विकास को लेकर तमाम उथल पुथल मची, लेकिन उनकी निडरता व निर्णय लेने की क्षमता के चलते ऑफिस स्टाफ के साथ ही बरबर क्षेत्र की जनता के दिलों पर अपनी कार्यशैली से छाप छोड़ रही है। कार्यालय पहुंचने वाली पब्लिक की समस्याओं का निदान करना हो या फिर खुद मॉनीटरिग करके नगर में स्वच्छता का अभियान चलाना। यह उनकी कार्यशैली व क्षमता का वह पॉजिटिव पहलू है जो बरबर की जनता से सुना जा सकता है।

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