फसल अवशेष सड़ाएं और मृदा स्वास्थ्य बढ़ाएं : डॉ. संजय

विकास खंड कुंभी के ग्राम ममरी में कृषि विज्ञान केंद्र जमुनाबाद के तत्वावधान में फसल अवशेष का उपयोग सुझाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 11:48 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 11:48 PM (IST)
फसल अवशेष सड़ाएं और मृदा स्वास्थ्य बढ़ाएं : डॉ. संजय
फसल अवशेष सड़ाएं और मृदा स्वास्थ्य बढ़ाएं : डॉ. संजय

लखीमपुर: विकास खंड कुंभी के ग्राम ममरी में कृषि विज्ञान केंद्र जमुनाबाद के तत्वावधान में फसल अवशेष का उपयोग मृदा स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को धान की पराली एवं गन्ने की सूखी पत्तियों का उपयोग बेहतर तरीके से करने के विषय में बताया गया। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. संजय ने धान की पराली एवं गन्ने की सूखी पत्तियों की मल्चर द्वारा छोटे-छोटे टुकड़े करने के विषय में बताया। रिवर्षवल गोल्ड बोल्ड प्लाऊ द्वारा पर्याप्त नमी की दशा में मिलाकर जमीन की उर्वरकता बढ़ाने के बारे में बताया। डॉ. प्रदीप कुमार विसेन ने फसल अवशेषों को सड़ाने के लिए बायो डीकंपोजर एवं ट्राइकोडरमा का प्रयोग कैसे करें इस बारे में जानकारी दी। दीमक से बचाव के लिए वेवेरिया वेसियाना के प्रयोग की सलाह दी। डॉ. जियालाल गुप्ता ने नाडेप कंपोस्ट विधि से खाद बनाने की आधुनिक तकनीकि बताई। इस कंपोस्ट के प्रयोग करने से लागत में कमी आती है और गुणवत्तायुक्त उत्पादन प्राप्त होता है। पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. नागेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सही तरीके से उचित अनुपात में पशुओं को चारा खिलाया जाए तो दुग्ध उत्पादन बढ़ता है। कार्यक्रम में सरनाम सिंह, तिलकराम व ईश्वरदीन सहित तमाम किसान उपस्थित थे।

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