रहने को घर, सोने को बिस्तर व पेट को निवाला नहीं, सैकड़ों लोग बाढ़ से प्रभावित

शारदा नदी के उफान से बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 10:55 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 10:55 PM (IST)
रहने को घर, सोने को बिस्तर व पेट को निवाला नहीं, सैकड़ों लोग बाढ़ से प्रभावित
रहने को घर, सोने को बिस्तर व पेट को निवाला नहीं, सैकड़ों लोग बाढ़ से प्रभावित

लखीमपुर : शारदा नदी के उफान से बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया है। बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों की नींद हराम हो गई है। लोग काम धंधा छोड़कर शारदा के पानी पर ही नजर रख रहे हैं। शारदा के नजदीक बसा गांव बेलहा सिकटिहा व चकपुरवा की हालत काफी खराब है। शारदा नदी की बाढ़ ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी हैं। इतना ही नहीं जलभराव अधिक होने के कारण बच्चों के लिए भोजन पकाना भी बड़ी चुनौती बन गई है। तहसील गोला के विकास खंड बिजुआ के इन गांवों में हर साल शारदा नदी का पानी घुस जाता है और तबाही मचाता है। पिछले दो दिनों से नदी के जलस्तर में भारी बढोत्तरी हुई है, जिससे पीड़ित ग्रामीणों की चिता बढ़ गई है। फसलों के जलमग्न होने से किसान परेशान हैं। यहां के निवासी बच्चों व आवश्यक सामान को लेकर सुरक्षित स्थानों या रिश्तेदारों के यहां शरण ले रहे हैं लेकिन, पालतू पशुओं पर संकट बना हुआ है। पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि वह लोग लंबे अरसे से अपनी तबाही का नजारा देखते चले आ रहे हैं। पहले तो हमारे जीवन का आधार लहलहाती हरी भरी फसलें थी लेकिन, अब जमीन व फसल नदी ने अपने रौद्र रूप में समेट लिया है। गांव हजूरपुरवा, चकपुरवा, बेंचेपुरवा, नयापुरवा, मेहंदी, ग्रंट नंबर 12, बड़ागांव, बसहा भूड़ के ग्रामीण बाढ़ व कटान का दंश झेलने को मजबूर हैं। गांव के अधिकांश घरों में बाढ़ का पानी हिलोरे मार रहा है। चकपुरवा निवासी मुखिया यादव ने बताया कि सभी अपनी छतों पर व चारपाई पर सामान रख कर समय काट रहे हैं। कुछ लोग रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। यही नही हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सैकड़ों हेक्टेयर जमीन शारदा निगल चुकी है और अन्नदाता अब पूरी तरीके से संकट में हैं। ग्रंट नंबर 12 के कोटेदार अनुज मिश्रा व प्रधान पति कृपाराम ने बताया कि बाढ़ से गांव के लोग प्रभावित हैं और जरूरत पड़ी तो हरसंभव मदद करेंगे। इस पर गांव के पवन शुक्ला, विद्याराम त्रिवेदी, अंकित शुक्ला, अनूप त्रिवेदी, मुन्ना गिरि, अनिरुद्ध यादव, सुनील यादव, मुखिया ने समस्या बताते हुए कहा कि बाढ़ से बचाव का अब तक कोई उपाय नहीं किया गया, जिससे ग्रामीणों में रोष है।

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