132 साल बाद तराई में रेलवे के नए दौर की हो रही शुरुआत

आठ अगस्त को वो घड़ी आ रही है जिसका यहां के लोगों को तकरीबन पौने तीन साल से इंतजार था। आठ अगस्त को यहां बड़ी रेल लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Aug 2019 10:49 PM (IST) Updated:Tue, 06 Aug 2019 10:49 PM (IST)
132 साल बाद तराई में रेलवे के नए दौर की हो रही शुरुआत
132 साल बाद तराई में रेलवे के नए दौर की हो रही शुरुआत

लखीमपुर : बड़ी रेलवे लाइन का निर्माण पूरा होने पर अब जब ढाई साल से ज्यादा समय के बाद यहां ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू होने की घड़ी नजदीक आ रही है तो सभी लोग उत्साह से लबरेज हैं। साथ ही नई रेल सेवा को लेकर उत्सुकता भी है। यह उत्सुकता इसलिए भी है कि तकरीबन 132 साल बाद तराई की रेल सेवा नए दौर में प्रवेश करने जा रही है। दरअसल लखीमपुर में पहली ट्रेन मीटर गेज पटरी पर वर्ष 1887 में आई थी। तब से तकरीबन 129 साल तक मीटर गेज पर ही तराई में ट्रेनें दौड़ीं और उसके बाद बड़ी रेल लाइन बनने के लिए यहां ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया।

आगामी आठ अगस्त को वो घड़ी आ रही है, जिसका यहां के लोगों को तकरीबन पौने तीन साल से इंतजार था। आठ अगस्त को यहां बड़ी रेल लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो रहा है। वर्ष 2016 के अक्टूबर माह में जब यहां की मीटर गेज रेल लाइन पर मेगा ब्लॉक करके बड़ी रेल लाइन का निर्माण शुरू हुआ था तो उसी दिन तराई की रेल सेवा के नए दौर में प्रवेश करने की नींव पड़ गई थी। इसे नए दौर की शुरुआत इसलिए कहेंगे कि एक सदी से ज्यादा समय तक मीटर गेज पटरियों पर दौड़ने वाली ट्रेनें अब यहां ब्रॉड गेज पर दौड़ती नजर आएंगी। तराई में रेलवे के इतिहास की बात करें तो यहां 16 अप्रैल 1887 को पहली ट्रेन लखीमपुर से सीतापुर-लखनऊ तक शुरू हुई थी। उसके बाद आगे के तीन-चार सालों में यहां की रेल सेवा का विस्तार पश्चिम की ओर हुआ और गोलागोकर्णनाथ, मैलानी व पीलीभीत होते हुए यहां के लोग सीधे बरेली और आगे तक जुड़ गए।

तारीखों में तराई की रेल सेवा

-16 अप्रैल 1887 को लखीमपुर से सीतापुर व लखनऊ तक ट्रेनें शुरू

-19 दिसंबर 1887 को लखीमपुर से गोलागोकर्णनाथ तक ट्रेनें शुरू

-01 अप्रैल 1891 को गोलागोकर्णनाथ से पीलीभीत तक ट्रेनें शुरू

सीतापुर से लखीमपुर रेल सेवा आने में लगे थे पांच माह

लखीमपुर से पहले सीतापुर में जैसे बड़ी रेल लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है, वैसे ही तब की छोटी रेल लाइन पर ट्रेनों का संचालन भी सीतापुर में ही पहले शुरू हुआ था। 15 नवंबर 1886 को सीतापुर और लखनऊ के बीच रेल सेवा शुरू हुई थी। सीतापुर के आगे 45 किमी की सफर तय कर लखीमपुर पहुंचने में रेल सेवा को पांच माह का समय लगा था।

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