1500 क्विटल गेहूं बरामदगी के मामले में खुलेंगे बड़े राज, जांच शुरू

सरकारी बोरों में गेहूं बरामदगी मामले में केंद्र प्रभारी अभिनव गुप्ता नामजद कई अन्य पर रिपोर्ट

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 12:32 AM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 12:32 AM (IST)
1500 क्विटल गेहूं बरामदगी के मामले में खुलेंगे बड़े राज, जांच शुरू
1500 क्विटल गेहूं बरामदगी के मामले में खुलेंगे बड़े राज, जांच शुरू

लखीमपुर: राजपुर मंडी में एक दिन पहले बरामद हुआ 1800 क्विटल से ज्यादा सरकारी बोरियों में लावारिश गेहूं के बड़े राज उजागर होने वाले हैं। बिचौलियों ने पूरी खरीद प्रक्रिया पर जैसे कब्जा ही जमा लिया है। अब गेहूं खरीद की जांच शुरू हो गई है। अगर यह जांच अंजाम तक पहुंची तो तय है कि बड़े-बड़े बिचौलियों की गर्दन फंसेगी। मामले में कोतवाली सदर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इसमें यूपीएसएस के केंद्र प्रभारी प्रदीप कुमार द्विवेदी, अभिनव गुप्ता उर्फ शानू और अन्य के खिलाफ कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई है। यह रिपोर्ट यूपीएसएस के जिला प्रबंधक वेद प्रकाश निगम ने दर्ज कराई है। अब इस मामले की छानबीन पुलिस करेगी। उधर यह गेहूं किसका है इसकी जांच भी की जा रही है। जांच में कई राज खुलेंगे। प्रथम ²ष्टया यह माना जा रहा है कि बिचौलियों ने इसमें खेल किया है। सरकारी बोरा, सरकारी सिलाई और गेहूं कहीं दर्ज नहीं है तो फिर आखिर यह गेहूं आया कहां से। इसकी जांच होने के बाद कई लोग फंसेंगे।

एक दिन पहले संभागीय खाद्य नियंत्रक संतोष कुमार ने शहर की राजापुर मंडी में छापा मारा। यहां टीन शेड नम्बर छह के नीचे सैकड़ों बोरियां रखी मिलीं। इस गेहूं के बारे में जब पूछा तो एक युवक ने कहा कि यह गेहूं किसानों का है। आरएफसी ने केन्द्र प्रभारी प्रदीप द्विवेदी से पूछा तो उन्होंने अपना गेहूं नहीं बताया। सरकारी बोरियों और सरकारी लालरंग के धागे से सिलाई देखकर उनका माथा ठनका। एसडीएम सदर को बुलाया गया। घंटों तक छानबीन हुई पर कोई दावेदार सामने नहीं आ सका कि यह गेहूं किसका है। इस पर गेहूं सीज करके मंडी के सुपुर्द कर दिया गया। इस मामले में यूपीएसएस के जिला प्रबंधक वेद प्रकाश निगम ने कोतवाली सदर में रिपोर्ट दर्ज कराई है। खास बात यह है कि यहीं पर दो ट्रक मिले, जिनमें करीब 700 बोरी गेहूं भरा था। यह गेहूं किसने भरवाया, कहां जा रहा था कौन भेज रहा था इसके बारे में भी कुछ पता नहीं चल सका। इस पर इन दोनों ट्रकों को भी सीज कर दिया गया है। दर्ज कराई गई रिपोर्ट में यूपीएसएस के जिला प्रबंधक वेद प्रकाश निगम ने बताया कि केन्द्र प्रभारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह उनका गेहूं नहीं है। पूछताछ में स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। इस बीच अभिनव गुप्ता ने आरएफसी से किसानों का गेहूं बताकर बहस शुरू कर दी। अन्य अधिकारियों के मौके पर पहुंचने पर वह वहां से निकल गए। दर्ज कराई रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इससे यह सामने आता है कि जो स्टाक पाया गया वह शासन की सबसे महत्वपूर्ण योजना कोविड-19 के दौरान खरीद को विफल करने का प्रयास करके किसानों के साथ धोखाधड़ी, कालाबाजारी और बिचौलियों के द्वारा खरीद कर सरकारी पैसों को गबन करने का सुनियोजित षडयंत्र रचा गया। इस मामले की जांच अब कोतवाली पुलिस करेगी। माना जा रहा है कि प्रशासनिक अधिकारी कोरोना संक्रमण में व्यस्त रहे और दलाल, बिचौलियों ने मिलकर मंडी में गेहूं की सरकारी खरीद में जमकर धांधली कर ली। किसान परेशान होते रहे और जिम्मेदार सोते रहे। अब अफसर एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं। यूपीएसएस के जिला प्रबंधक बताते हैं कि वह कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिस कारण निरीक्षण नहीं कर सके।

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