प्लाईवुड फैक्ट्री में करंट लगने से श्रमिक की मौत, एक गंभीर
मुहल्ला श्यामलालपुरवा स्थिति प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करने वाले दो मजदूर करंट लगने से घायल हो गए। लखनऊ में इलाज के लिए ले जाते वक्त एक की मौत हो गई।
लखीमपुर : मुहल्ला श्यामलालपुरवा स्थिति प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करने वाले दो मजदूर करंट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एक मजदूर की रविवार को इलाज के लिए लखनऊ ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। दूसरा एक निजी अस्पताल में भर्ती है।
शनिवार को कस्बा खीरी स्थिति प्लाईवुड फैक्ट्री में पिपरिया निवासी सुशील (30) व थाना खीरी के गिनहौना निवासी दयाशंकर (40) काम कर रहे थे। दोनों करंट की चपेट में आ गए। बताया जा रहा कि उन्हें ट्रांसफार्मर के पास लोहे की सीढ़ी के जरिए 11 हजार लाइन के खंभे पर चढ़ा दिया गया। घायलों को लखीमपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से रविवार को सुशील को लखनऊ रेफर किया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। सुशील के शव के पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचने से पहले ही परिवार व गांव वालों ने सीतापुर रोड एलआरपी पर शव को रखकर परिवार को मुआवजा दिलाए जाने व फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की। इसके बाद शव को लेकर प्लाईवुड फैक्ट्री पहुंच गए। सूचना मिलते ही सीओ अरविद कुमार, खीरी थाना इंस्पेक्टर रंधा सिंह व कोतवाली पुलिस मय फोर्स के मौके पर पहुंच गईं और मृतक के परिवार वालों को समझाने का प्रयास किया। कुछ देर बाद मृतक मजदूर के परिवार वालों व फैक्ट्री मालिक के बीच समझौता हो गया। समझौते के बाद परिवार वाले शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर चले गए। सीओ ने बताया कि करंट लगने से मौत हुई है। मामला दुर्घटना का है। परिवारजन ने कोई तहरीर नहीं दी है। इंस्पेक्टर ने प्रदर्शनकारियों कहे अपशब्द
परिवार वाले व गांव वालों ने सीतापुर रोड एलआरपी पर शव को रखकर प्रदर्शन किया और मजदूर के परिवार को मुआवजा दिलाए जाने व प्लाईवुड फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की बाद में शव लेकर फैक्ट्री पहुंच गए। जहां मौजूद कोतवाली सदर इंस्पेक्टर ने प्रदर्शकारियों के लिए जमकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया और मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी। बिजली अधिकारी एक-दूसरे पर डालते रहे जिम्मेदारी
प्लाईवुड फैक्ट्री में करंट से एक मजदूर सुशील की मौत और एक अन्य मजदूर के गंभीर रूप से जख्मी होने की जानकारी बिजली अधिकारियों को नहीं थी। खीरी पावर हाउस के एसडीओ उग्रसेन ने घटना को रेवही पावर हाउस क्षेत्र का बताया। वहीं दूसरी ओर एसडीओ मनोज कुशमारिया ने बिजली सप्लाई खीरी पावर हाउस से होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। एक मजदूर की मौत पर बिजली अधिकारियों का रवैया बेहद निराशाजनक रहा।