कागजों में लगा दी लाखों रुपये की स्ट्रीट लाइट

मितौली ब्लॉक की ग्राम पंचायत कस्ता में विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपये की अनियमि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Feb 2021 10:43 PM (IST) Updated:Thu, 18 Feb 2021 10:43 PM (IST)
कागजों में लगा दी लाखों रुपये की स्ट्रीट लाइट
कागजों में लगा दी लाखों रुपये की स्ट्रीट लाइट

लखीमपुर : मितौली ब्लॉक की ग्राम पंचायत कस्ता में विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपये की अनियमितता का मामला सामने आया है। डीपीआरओ सौम्य शील सिंह के निरीक्षण में स्ट्रीट लाइट, स्कूलों में टाइल्स समेत कई विकास कार्य जमीन पर दिखे ही नहीं। हां, कागजों में उन्हें दर्शाकर भुगतान भी हड़प लिया गया है।

डीपीआरओ ने बताया कि सहायक विकास अधिकारी कुरेंद्र पाल, मौजूदा ग्राम पंचायत अधिकारी मनोज कुमार, जिला परियोजना प्रबंधक अर्पित श्रीवास्तव व अन्य ग्रामीणों के साथ कस्ता में निरीक्षण किया गया। उस समय सफाईकर्मी रवि कुमार अनुपस्थित मिले हैं। बताया कि ग्राम स्वराज पर तत्कालीन पंचायत सेक्रेटरी नीरज प्रियदर्शनी ने सूचना अपलोड की है। सूचना के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में ग्राम पंचायत में वर्क आइडी जेनरेट की गई है। जिसमें इंटरलॉकिग के नौ कार्य स्वीकृत किए गए। जिस पर दो लाख रुपये से अधिक धनराशि खर्च हुई है। कार्य की लंबाई 500 मीटर है। जिसे नौ खंडों में विभाजित कर कार्य कराया गया है, जो वित्तीय नियमों व शासनादेश के विपरीत है।

कस्ता में स्ट्रीट लाइट के नाम पर 50 हजार स्वीकृत कर लिया गया। वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्ट्रीट लाइट के नाम पर 1.23 लाख तथा 1.28 लाख रुपये व्यय किया गया है, लेकिन निरीक्षण के दौरान मौके पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं मिली। प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के बैठने के लिए 15वें वित्त आयोग से 85 हजार रुपये में बेंच बनवाने के लिए स्वीकृत कराया गया। फर्म को अग्रिम भुगतान भी कर दिया, लेकिन फर्म द्वारा कार्य नहीं कराया गया। भुगतान का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।

स्कूलों में टाइल्स लगवाने के नाम पर 6.63 लाख स्वीकृत कराए गए, लेकिन निरीक्षण के समय मौके पर प्राथमिक विद्यालय में टाइल्स का कार्य अपूर्ण व बंद पाया गया। उच्च प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक कक्षा के बाहर मात्र छह वर्ग फीट ही टाइल्स लगी मिली।

सामुदायिक शौचालय के लिए 2.21 लाख आहरित किया गया, लेकिन शौचालय का निर्माण सतह से चार फीट गहराई में तथा आबादी से दूर बनाया गया है। जिससे बरसात के समय पानी भरने से ग्रामीणों को असुविधा होगी।

डीपीआरओ ने निरीक्षण आख्या डीएम शैलेंद्र सिंह व सीडीओ अरविद सिंह को भी भेजी है।

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