कलेक्ट्रेट समेत कई जगह अग्निकांड का खतरा
कलेक्ट्रेट परिसर स्थित एनआइसी दफ्तर में अग्निकांड ने सबको झकझोर दिया है।
लखीमपुर : कलेक्ट्रेट परिसर स्थित एनआइसी दफ्तर में अग्निकांड ने सबको झकझोर दिया है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट समेत कुछ अन्य सरकारी जगहों पर अग्निकांडों से बचाव के इंतजामों की पड़ताल की गई। इसमें विकास भवन में तो इंतजाम बेहतर दिखे, पर कलेक्ट्रेट समेत रोडवेज डिपो पर हालात खराब ही मिले। इन दोनों जगहों पर अग्निकांडों से बचाव के कोई इंतजाम नहीं दिखे।
कलेक्ट्रेट परिसर में डीएम व एसपी दफ्तर के अलावा एसडीएम सदर, पूर्ति विभाग, आबकारी विभाग समेत कई कार्यालय हैं। यहीं एसडीएम दफ्तर के ठीक बगल में स्थित एनआइसी दफ्तर में सोमवार को दोपहर बाद शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग में भारी नुकसान हो गया था। गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। इसी भवन में जिले का इंग्लिश ऑफिस भी संचालित है, जिसमें कई लोगों का स्टाफ एक बड़े हॉल में बैठकर काम करता है। हॉल में अग्निकांड से बचाव को महज एक छोटा फायर स्टिग्यूशर लगा दिखा। इसी हॉल के भीतर लगे हुए कक्ष में बड़ा रिकॉर्ड रूम भी है। हालात ये हैं कि कलेक्ट्रेट में कोई हाईड्रेंट प्वॉइंट भी नहीं है, जिससे अग्निकांड होने पर दमकल में पानी भरा जा सके।
शहर के बीचो-बीच स्थित रोडवेज डिपो पर भी अग्निकांडों से बचाव के कोई इंतजाम नहीं दिखे। यहां पर न तो यत्राी प्रतीक्षालय और न ही कार्यालय के किसी कमरे में फायर स्टिग्यूशर लगे दिखे और न ही बालू भरी बाल्टी या अन्य कोई इंतजाम।
विकास भवन में अग्निकांड से बचाव के बेहतर इंतजाम दिखे। यहां तीनों तलों पर आग बुझाने के लिए पानी की लाइन बड़ी पाइपों समेत है। साथ ही फायर स्टिग्यूशर भी लगे हैं।
एनआइसी में दफ्तर के बाहर बैठकर कर्मियों ने किया काम एनआइसी दफ्तर में अग्निकांड की घटना के बाद मंगलवार को सब-कुछ अस्त-व्यस्त दिखा। पूरा दफ्तर जल जाने के कारण कर्मियों ने जरूरी काम बाहर परिसर में बैठकर निपटाए। दफ्तर के अंदर मलबा हटाने का काम भी अभी शुरू नहीं हो पाया है। अग्निकांड में सहायक सूचना विज्ञान अधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि जितनी संपत्ति की क्षति हुई है, उसकी सूची बनाकर उच्चाधिकारियों को सौंप दी गई है।