भारतीय भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए खाई खोदने का काम स्थगित
मोहाना नदी के उस तरफ भारतीय भूमि को सुरक्षित करने के लिए शुरू की गई खाई खोदने का काम शुरू किया गया है।
लखीमपुर : मोहाना नदी के उस तरफ भारतीय भूमि को सुरक्षित करने के लिए शुरू की गई खाई खोदने का काम शनिवार को नहीं हो सका। नेपाल व भारतीय वनाधिकारियों की आपस में वार्ता के लिए खाई बनाने का काम स्थगित रखा गया। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे की आपत्तियों को समझकर उसके निस्तारण का प्रयास किया।
दरअसल भारत नेपाल की सीमा पर बह रही मोहाना नदी ने पिछले कई वषरें में बाढ़ आदि के चलते अपना मार्ग बदल लिया है। नदी के भारतीय सीमा में आ जाने के कारण भारत की कुछ भूमि नदी के उस पार नेपाल की तरफ निकल गई है। वन विभाग भूमि पर अपना दावा भी जताता रहा है। पिछले साल जब नेपाली सेना ने इस भूमि पर कोरोना मरीजों को दफनाने का प्रयास किया था तो भारतीय पक्ष ने उसका विरोध किया था जिसे नेपाल ने स्वीकार किया था और उपरोक्त भूमि पर शव दफनाना बंद कर दिया था। शुक्रवार को उसी जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए वन विभाग ने उसके किनारे से खाई खोदने का काम शुरू किया था। इस दौरान नेपाल की पुलिस व भारत की एसएसबी भी मौजूद थी। कुछ दूर तक खाई खोदी भी गई थी लेकिन, बाद में नो-मैंस लैंड के मुताबिक भूमि न छोड़ने को लेकर नेपाल की तरफ से एतराज किया गया जिस पर भारतीय अधिकारियों ने काम रोक दिया और वापस आ गए। अब नो-मैंस लैंड के नियम के मुताबिक जमीन छोड़कर खाई खोदने का कार्य होगा लेकिन, उससे पहले दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक में यह तय किया जाएगा।
-- दुधवा टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक मनोज सोनकर ने बताया कि भारतीय भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए खाई खोदने का काम शुरू किया गया था लेकिन सीमा पर नो-मैंस लैंड के नियम के अनुरूप जगह छोड़नी पड़ती है लेकिन, यह तय नहीं हो पाया था इसलिए खुदाई का काम रोक दिया गया है। दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक में इसपर वार्ता के बाद निर्णय लिया जाएगा उसके बाद खाई खोदने का काम शुरू किया जाएगा।