मक्खियों के आतंक से मच्छरदानी में काटनी पड़ रही रोटी

लखीमपुर कोरोना महामारी को भले ही सरकार ने गंभीरता पूर्वक ले लिया लेकिन अब्बासपुर स्थित

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:05 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:05 PM (IST)
मक्खियों के आतंक से मच्छरदानी में काटनी पड़ रही रोटी
मक्खियों के आतंक से मच्छरदानी में काटनी पड़ रही रोटी

लखीमपुर : कोरोना महामारी को भले ही सरकार ने गंभीरता पूर्वक ले लिया, लेकिन अब्बासपुर स्थित बरनाला पोल्ट्री फार्म के आसपास के दर्जनों की संख्या में गांव का आलम यह है कि यहां मक्खियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों को एक वक्त की रोटी खा पाना भी मुश्किल पड़ रहा है। इसके लिए भी उसे मच्छरदानी का सहारा लेना पड़ता है। यही नहीं चपरतला क्षेत्र के आसपास होटल व ढाबा संचालक भी मक्खियों के चलते अपने व्यापारों को सही तरीके से संचालित नहीं कर पा रहे हैं। मक्खियों का आतंक इतना बढ़ चुका है कि क्षेत्र के कई गांवों में युवाओं की शादियों के लिए लोग आना बंद हो गए हैं। लोग इन मक्खियों की वजह से इन गांवों में अपने घर का रिश्ता करना नहीं चाहते हैं। अब्बासपुर निवासी दिलबाग सिंह बताते हैं कि अगर हम कोई समारोह करना चाहते हैं तो कई बार सोचना पड़ता है। इन मक्खियों की वजह से मेहमान आते नहीं हैं। आ भी जाते हैं तो यह कह कर चले जाते हैं कि यहां पर गंदगी और मक्खियां बहुत हैं। जब तक यह रहेगी तब तक हम नहीं आएंगे। डंडौरा निवासी पृथ्वी सिंह बताते हैं कि जबसे पोल्ट्री फार्म चालू हुआ है, मक्खियों ने तो जीना दुश्वार कर दिया है। मक्खियां इतनी ज्यादा हैं कि अगर खाना भी खाना होता है तो मच्छरदानी का सहारा लेना पड़ता है। इछनापुर निवासी पूरन सिंह बताते हैं कि हमारे लड़के के रिश्ते के लिए कुछ लोग आए थे, लेकिन यह बोल कर चले गए कि यहां पर गंदगी और मक्खियां बहुत हैं। हम ऐसे गांव में रिश्ता नहीं करेंगे। कई बार हुआ प्रदर्शन मक्खियों की समस्या से परेशान ग्रामीणों ने कई बार धरना प्रदर्शन, जल सत्याग्रह भी किया लेकिन, बजाय समस्या सुधरने के मक्खियों की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती नजर आ रही है, समुचित निराकरण न मिलने के चलते आखिरकार ग्रामीणों के सामने अब यहां से पलायन करने के अलावा कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। क्या कहते हैं जिम्मेदार

क्षेत्र में समस्या को लेकर संबंधित अधिकारियों को कई बार अवगत भी कराया जा चुका है, पूर्व में ही उच्च अधिकारियों के द्वारा पत्र के माध्यम से विभागों को इस समस्या के बारे में अवगत कराया जा चुका है। जल्द ही कोई न कोई हल निकालकर क्षेत्र की समस्या को खत्म कराने का प्रयास किया जाएगा।''

डा. पंकज वर्मा, राजकीय पशु चिकित्सक

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