रमियाबेहड़ के विकास की उम्मीद से मतदाता उत्साहित

पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण लागू होने के बाद धीरे-धीरे प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 09:59 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 09:59 PM (IST)
रमियाबेहड़ के विकास की उम्मीद से मतदाता उत्साहित
रमियाबेहड़ के विकास की उम्मीद से मतदाता उत्साहित

लखीमपुर : पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण लागू होने के बाद धीरे-धीरे प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो रही है तो वहीं मतदाता भी विकास की उम्मीद में पढ़े-लिखे व अच्छे छवि वाले प्रत्याशियों की चर्चा करने लगे हैं। रमियाबेहड़ ब्लॉक की गिनती पिछड़े ब्लॉकों में होती है। गांवों में अब भी सड़क, पानी, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। मतदाताओं में पंचायत चुनाव को लेकर उत्साह है, लेकिन इस बार वे हर प्रत्याशी को कसौटी पर कस लेना चाहते हैं।

जिले की सीमा पर घाघरा और शारदा नदियों के बीच रमियाबेहड़ ब्लॉक है। ग्राम प्रधान से लेकर अन्य जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण यह ब्लॉक हमेशा पिछड़ा रहा है। बाढ़ और कटान की समस्या के कारण दो दशक में दो दर्जन से अधिक गांवों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। विकास के नाम पर अधिकांश ग्राम पंचायतों में योजनाएं धरातल पर दिखाई नहीं दे रही हैं। इंडिया मार्का हैंडपंप देखरेख के अभाव में खराब पड़े हुए हैं। जिससे ग्रामीणों के सामने शुद्ध पेयजल की समस्या बनी रहती है। पंचायतों को जोड़ने वाले अधिकार संपर्क मार्ग मरम्मत के अभाव में गड्ढों में तब्दील हो गए हैं। जिससे आम राहगीरों के साथ-साथ किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। गांवों में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर और पानी कीचड़ से बजबजाती नालियों के कारण लोगों में बीमारियां फैल रही हैं। दो तहसीलों में बंटा है रमिया बेहड़

विकासखंड रमियाबेहड़ धौरहरा और निघासन दो तहसील क्षेत्रों में विभाजित है। यहां कुल 48 ग्राम पंचायतें हैं, जिसमें 27 तहसील धौरहरा में सम्मिलित हैं, जबकि 21 तहसील निघासन में शामिल हैं। जिस कारण योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। मतदाताओं की सुनिए मैं पहली बार मतदान करने जा रहा हूं। इससे काफी उत्साहित भी हूं। कहा कि वह अपने गांव की सरकार बनाने में ईमानदार प्रत्याशी पर जोर देंगे। प्रधान ऐसा होना चाहिए, जो सफाई-व्यवस्था के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा के प्रति संवेदनशील हो।

मुकेश कुमार वर्मा, ढखेरवा गांव में सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचे, इसके लिए प्रधान निष्पक्ष एवं ईमानदार छवि वाला होना चाहिए। जो सबके बीच कंधे से कंधा मिलाकर चल सके। विकास कार्य कराने वाला प्रधान ही होना चाहिए।

सफलू, दुलही गांव में स्वच्छता के साथ-साथ बगैर किसी भेदभाव के साथ सरकारी योजनाओं का सभी को लाभ मिले। मैं ऐसे साफ-सुथरी छवि वाले प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालूंगा। वह दबंग और अपराधी व्यक्ति को ग्राम प्रधान नहीं चाहते हैं।

मुनीम, मल्लबेहड़ गांव का मुखिया बिना किसी भेदभाव के सबको एक साथ लेकर काम करने वाला होना चाहिए। गांव की अन्य समस्याओं के साथ किसानों की समस्याओं को अधिकारियों के सामने उठा सके। पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाए।

अटल मनार, शोहरिया

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