पारदर्शी आरक्षण में आपत्तियों की भरमार

ग्राम प्रधान बीडीसी जिला पंचायत सदस्य ग्राम पंचायत सदस्य ब्लॉक प्रमुख सीटों पर आरक्षण की भरमार।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:09 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 10:09 PM (IST)
पारदर्शी आरक्षण में आपत्तियों की भरमार
पारदर्शी आरक्षण में आपत्तियों की भरमार

लखीमपुर: ग्राम प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख सीटों पर आरक्षण घोषित होने के बाद अब आपत्तियों का दौर शुरू हो गया है। पहले दिन ही 150 से अधिक आपत्तियां प्रशासन को मिली हैं। आपत्तियां आठ मार्च तक ली जाएंगी। इससे जिलेभर में करीब एक हजार तक आपत्तियां आने का अनुमान है।

आरक्षण लागू करते समय अधिकारियों का दावा था कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई है। गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया गया है, लेकिन अगले ही दिन इस आरक्षण पर आपत्तियों की भरमार हो गई। ब्लॉक से लेकर जिला पंचायत कार्यालय, कलक्ट्रेट और विकास भवन पहुंचकर लोगों ने आपत्तियां दर्ज करानी शुरू कर दी हैं। जिन लोगों ने आपत्तियां की हैं, उन्होंने आरक्षण व्यवस्था पर सवाल उठा दिया है। लोगों का कहना है कि जो सीटें अब तक आरक्षित थीं, बताया गया कि वह आरक्षित होंगी, लेकिन जारी आरक्षण में तमाम ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जिनमें पिछले कई चुनावों में अनारक्षित ही सीटें रहीं हैं, वह इस बार भी अनारक्षित हो गई हैं। लोगों के अपने-अपने तर्क हैं। उनका आरोप है कि आरक्षण तय करने में सत्तापक्ष के नेताओं, विधायकों की सिफारिश पर मनमानी की गई है। लोगों का कहना है कि एक बार फिर से विचार किया जाए, फिर फाइनल आरक्षण जारी किया जाए। 25 साल बाद सामान्य हुई सीट पंचायत चुनाव को लेकर बुधवार को आरक्षण की तस्वीर साफ होते ही गांव की पंचायतों में हलचल तेज हो गई है। विकासखंड बिजुआ की ग्राम पंचायत गोविदापुर में इस बार 25 साल बाद तस्वीर अलग होगी, क्योंकि इस बार यहां सामान्य वर्ग को भी चुनाव में दावेदारी का मौका मिला है। गोविदापुर ग्राम सभा में सात गांव नौरंगाबाद, भूपुरवा, कुंदनपुर, पड़रियापुरवा, मझगई, कन्नापुर, गोविदापुर आते हैं, जिसमें से कन्नापुर, गोविदापुर व मझगई में सामान्य वर्ग के वोटरों का काफी दबदबा है। पिछले 25 वर्षों से सामान्य वर्ग की सीट न होने से यहां पर कोई भी सामान्य वर्ग व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सका। इस वर्ष 2021 में सामान्य महिला सीट होने से किसी भी वर्ग की महिला प्रधान बनेगी। यहां वर्ष 1995 में अनुसूचित जाति की सीट रही, वर्ष 2000 में भी अनुसूचित जाति की सीट रही, वर्ष 2005 में यहां पर अनुसूचित जाति महिला के लिए सीट रही। वर्ष 2010 में यहां से अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सीट आरक्षित रही, वहीं 2015 में भी अनुसूचित जाति के लिए सीट रही लेकिन, अब वर्ष 2021 में यहां पर कोई भी महिला प्रत्याशी मैदान आ सकती है। अगर वोटरों की बात करें तो अनुसूचित जाति के 1805, अन्य पिछड़ा वर्ग के 982 व सामान्य के 763 मतदाता हैं। कुल मतदाताओं की संख्या 3550 है।

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