अव्यवस्था देख भड़के कर्मचारी, नहीं घुसने दी एआरटीओ की गाड़ी

पंचायत चुनाव के लिए पोलिग पार्टियों को रवाना करने के लिए प्रशासन के इंतजाम पूरी फीके रहे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 11:44 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 11:44 PM (IST)
अव्यवस्था देख भड़के कर्मचारी, नहीं घुसने दी एआरटीओ की गाड़ी
अव्यवस्था देख भड़के कर्मचारी, नहीं घुसने दी एआरटीओ की गाड़ी

लखीमपुर: पंचायत चुनाव के लिए पोलिग पार्टियों को रवाना करने के लिए प्रशासन के इंतजाम पूरी तरह से लचर नजर आए। हालात यह हो गए कि कर्मचारी सुबह साढ़े छह बजे जीआईसी पहुंच गए। हजारों की संख्या में कर्मचारी भटकते रहे। ब्लाकों पर कैसे जाएंगे कोई पता नहीं। आठ बजे तक कर्मचारी बेहाल होते रहे। मौके पर पुलिस व प्रशासन का कोई कर्मचारी नजर नहीं आया है। आक्रोशित कर्मचारियों ने जीआईसी मैदान का गेट बंद कर दिया। नारेबाजी करते हुए डीएम को फोन कर आक्रोश जताया। डीएम के फोन के बाद एआरटीओ प्रवर्तन पहुंचे। उनकी गाड़ी को अंदर नहीं जाने दिया। वह पैदल ही अंदर पहुंचे। इसके बाद एडीएम पहुंचे। भूसे की तरह कर्मचारियों को बसों में ठूंसा गया। शारीरिक दूरी का नियम तार-तार हो गया। 10 बजे एआरटीओ ने हाथ खड़े कर दिए। बोले, अब अपने वाहन से ब्लाकों पर जाएं। उनके पास वाहन की व्यवस्था नहीं है।

कर्मचारियों में यह अफरा-तफरी दिखा रविवार को शहर के जीआईसी मैदान में। प्रशासन ने कर्मचारियों को ब्लॉकों पर भेजने के लिए जीआईसी मैदान से वाहनों का इंतजाम करने की बात कही। इसके लिए कर्मचारियों को सुबह सात बजे बुलाया गया। कर्मचारी ब्लॉकों पर जाने को तैयार होकर सुबह साढ़े छह बजे ही पहुंच गए। जिससे ब्लॉकों पर जा सकें। यहां हजारों की संख्या में कर्मचारी पहुंच गए, लेकिन वहां बदइंतजामी मिली। कर्मचारी पूरे मैदान में भागते रहे। सबसे ज्यादा महिला कर्मचारी परेशान हुईं। यहां न तो पुलिस न तो प्रशासन का कोई कर्मचारी नजर आया। किस ब्लॉक के लिए जाने को कहां से वाहन मिलेंगे, कोई इंतजाम नहीं। जो बसें खड़ी थी, उन पर भी कोई स्लिप नहीं लगाई। करीब दो-ढाई घंटे तक दौड़ते भागते कर्मचारी बेहाल हो गए। इसके बाद आक्रोशित कर्मचारियों ने जीआईसी मैदान का गेट बंद कर दिया। इसके बाद डीएम को फोन कर हालात बताया। जिसके कुछ देर बाद एआरटीओ प्रवर्तन रमेश कुमार चौबे पहुंचे। उनकी गाड़ी को अंदर नहीं घुसने दिया। बसों में कुछ बैठे कुछ खड़े हुए। फिर वाहन कम पड़ गए। इस बीच एडीएम पहुंच गए। बाद में और बसें बुलाई गईं। खास बात यह है कि दस बजे के बाद एआरटीओ ने कह दिया कि अब वाहन का इंतजाम नहीं है। कर्मचारी अपने वाहन से जाएं। यह हालात तब रहे जब कोविड के रोज 400 से 500 केस जिले में आ रहे हैं।

गोला गोकर्णनाथ: विकासखंड कुंभी में भारी गहमा गहमी के बीच पोलिग पार्टियों को चुनाव सामग्री के साथ मतदान केंद्रों के लिए रवाना किया गया। इस बीच कहीं शारीरिक दूरी व कोविड गाइडलाइन का अनुपालन होते नहीं दिखा। रविवार सुबह से ही ब्लाक मुख्यालय में मतदान केंद्रों पर रवाना होने के लिए पोलिग पार्टियों का जमावड़ा होना शुरू हो गया। इस दौरान बीमारी व अस्वस्थ कर्मचारी की ड्यूटी कटवाने वालों का ब्लाक परिसर में सुबह से सिफारिशों का दौर जारी रहा।

बांकेगंज: ब्लॉक की 50 ग्राम पंचायतों के लिए प्रधानों, 110 क्षेत्र पंचायत सदस्यों, 676 ग्राम पंचायत सदस्यों और पांच जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए 95 मतदान केंद्रों के 265 बूथों के मतदान के लिए पोलिग पार्टियों को मतदान केंद्रों के लिए चुनाव सामग्री देकर रवाना किया गया।

भीरा: निष्पक्ष व शांतिपूर्वक कराने के लिए 64 मतदान केंद्रों पर पोलिग पार्टियां ब्लाक मुख्यालय से रवाना कर दी गई। जो अपने-अपने बूथों पर पहुंच गईं। संवेदनशील, अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर पुलिस की विशेष व्यवस्था की गई है। कोतवाल अजय राय ने बताया कि संवेदनशील बूथों में महेशापुर, पड़रियातुला व रायपुर है। अतिसंवेदनशील में मुड़िया हेमसिंह, रुद्रपुर, गुलरिया, जगदेवपुर, गोगावां, सोनारीपुर, अंबारा तथा गोंदिया शामिल है। प्रत्येक बूथ पर एक सब इंस्पेक्टर एक हेड कांस्टेबल दो सिपाही सहित महिला पुलिस फोर्स की व्यवस्था की गई है।

अमीरनगर: क्षेत्र के 78 मतदेय स्थलों पर शांतिपूर्ण और सुरक्षा के वातावरण में मतदान कराने के लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। क्षेत्र की पांच ग्राम पंचायतों को अतिसंवेदनशील और प्लस केंद्र घोषित किया गया है।

मोहम्मदी: पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों को मोहम्मदी महाविद्यालय से रवाना की गईं। सुबह से ही तहसीलदार विकास धर दुबे, नायब तहसीलदार ज्ञान प्रताप सिंह व भारी पुलिस बल सहित तमाम अधिकारी मुस्तैद नजर आए। कुछ महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ देखी गईं।

शारदानगर : शारदानगर के राजकीय इंटर कालेज में भी रविवार को काफी बखेड़ा हुआ। यहां सभी कर्मचारियों को सुबह छह बजे बुलाया गया था। यहां कर्मचारी तो आ गए लेकिन वाहन और अधिकारी का कोई पता घंटों तक नहीं चला। कर्मचारी भड़क गए और पूरे माहौल का पुरजोर विरोध किया। करीब तीन घंटे बाद हालात सामान्य हो सके।

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