कोरोना काल में 80 लोगों को दिया करमजीत ने रोजगार
कोरोना संक्रमण काल में जब बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे थे।
लखीमपुर : कोरोना संक्रमण काल में जब बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे थे। उस दौरान सबसे बड़ी समस्या उनके लिए रोजी रोटी की थी। प्रवासी मजदूरों के लिए पलिया तहसील के एक विकासशील किसान करमजीत सिंह के मन में कुछ करने की इच्छा जगी। तो उन्होंने अपने कृषि फार्म पर करीब 80 लोगो को रोजगार दिया है। इसके अलावा 50 प्रवासी श्रमिकों को प्रेरित कर सब्जी बेंचने के लिए प्रेरित किया। इन्ही में से कुछ मजदूरों को मदद कर अपनी भूमि पर खेती करने के लिए प्रेरित किया। वे अपने खेतों में सब्जी उगा कर परिवार का भरण पोषण कर रहे है।
प्रवासी मजदूरों के खेती करने से उनके टूटे हौसले में एक बार फिर जान आई है। पलिया तहसील में अभी तक मौर्य समाज ही सब्जी की खेती करता था,अब प्रवासी मजदूरों ने भी सब्जी की खेती शुरू की है। इससे वे आत्मनिर्भर हुए है।
विकासशील किसान करमजीत सिंह ने संक्रमण काल मे प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने पर उन्हें रोजगार देने के लिए कृषि फार्म पर सेवा का अवसर दिया। पोल्ट्री फार्म के लिए शेड का निर्माण कराया। इसमें करीब 40 मजदूरों को रोजगार मिला। मत्स्य पालन में उनकी देखरेख से लेकर बिक्री तक के कार्य मे करीब बीस लोग काम कर रहे हों।
खेती किसानी में करीब 20 श्रमिक परमानेंट कार्य कर रहे है। इसके अलावा शहद की फार्मिंग के कार्य मे कुछ लोग लगे हुए है। विकासशील किसान करमजीत का कहना है कि लोग बड़ी संख्या में परंपरागत खेती के साथ ही सब्जी की खेती कर रहे है।
सब्जी का उत्पादन बढ़ने के साथ साथ उसकी खपत कैसे होगी और किसानों को उसके लागत मूल्य के साथ मुनाफा कैसे मिलेगा।कृषि विभाग को इसकी तैयारी करनी होगी। लगानी होगी फूड प्रोसेसिग यूनिट जिले में आने वाले प्रवासी मजदूरों को खेती से जोड़ने के साथ ही फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना करनी होगी। इस जिले में टमाटर के साथ ही विभिन्न सब्जियों का उत्पादन अधिक होता है। इसके लिए टमाटर सॉस बनाने वाली इकाई स्थापित हो तो किसानों को उनका सही मूल्य मिल सके।