दिव्यांगता को पछाड़ प्रियांशी ने लहराया परचम

कहते हैं कि इरादे अगर बुलंद हों तो रास्ते की दुश्वारियां हिरन हो जाती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 10:35 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 10:35 PM (IST)
दिव्यांगता को पछाड़ प्रियांशी ने लहराया परचम
दिव्यांगता को पछाड़ प्रियांशी ने लहराया परचम

लखीमपुर : कहते हैं कि इरादे अगर बुलंद हों तो रास्ते की दुश्वारियां हिरन हो जाती हैं। लखीमपुर की एक दिव्यांग छात्रा प्रियांशी ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया। अपनी मेहनत व लगन के बलबूते प्रियांशी एक्सीलेरेटेड लर्निंग कैंप में पढ़ रही थी । इस दौरान ही उसने खुद को श्रेष्ठ साबित किया। शिक्षा, कला और डांस में प्रियांशी अव्वल रहीं। श्रवण बाधित प्रियांशी उच्च प्राथमिक विद्यालय सिकंदराबाद में कक्षा आठ की छात्रा है। उसकी सफलता पर सूबे की राज्यपाल आनंदी बेन ने उसे बुलाकर सम्मानित किया। प्रियांशी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं और वह लगातार आगे बढ़ रही है।

बचपन से ही तेज दिमाग रही है प्रियांशी

प्रियांशी की मां शशि कहती हैं कि उनको इस बात का कोई मलाल नहीं कि उनकी बिटिया श्रवण बाधित है। उनको उम्मीद है कि वह भी दिक्कत आने वाले दिनों में दूर ही हो जाएगी। उसके तेज दिमाग की तारीफ करती हुईं शशि कहती हैं कि जो बात या जो पाठ एक बार प्रियांशी पढ़ ले वह उसके दिमाग से नहीं उतरता। वह खाली पढ़ाई में ही नहीं बल्कि कला और नृत्य में भी पूरी तरह दक्ष है। प्रियांशी की माता शशि देवी ने बताया कि बिटिया शुरू से पढ़ने में तेज है। शशि देवी बेटी को आगे पढ़ाकर अफसर बनाना चाहती हैं। मीना प्रेरक में प्रियांशी ने किया था सराहनीय कार्य

सिकंद्राबाद : कस्बे की दिव्यांग बालिका कक्षा आठ की छात्रा प्रियांशी को राज्यपाल नें सम्मानित किया है।

सिकंद्राबाद कस्बे के स्वर्गीय विजय हर्ष गिरी की पुत्री प्रियांशी गिरी श्रवण बाधित है।वह उच्च प्राथमिक विद्यालय सिकंद्राबाद नवीन में कक्षा आठ की छात्रा है। गत वर्ष राज्यपाल नें प्रियांशी को मीना प्रेरक पुरुष्कार से सम्मानित किया था। जिम्मेदार की सुनिए

प्रियांशी एक प्रतिभावान छात्रा है। ऐसे बच्चों को विभाग और मेरे द्वारा व्यक्तिगत तौर प्रोत्साहित करते हुए उनको उनकी मंजिल तक पहुंचाया जाता है। प्रियांशी जैसे हर प्रतिभावान बच्चे को आगे बढ़ाने का क्रम लगातार जारी है।

बुद्धप्रिय सिंह

बीएसए

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