बाघों की गणना के लिए जंगल में कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू

-फरवरी 2022 तक पूरा हो जाएगा बाघों की गणना का काम -पीलीभीत व दुधवा टाइगर रिजर्व में दो चरणों में लगेंगे कैमरे

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:31 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:31 PM (IST)
बाघों की गणना के लिए जंगल में कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू
बाघों की गणना के लिए जंगल में कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू

हरीश श्रीवास्तव, लखीमपुर : दुधवा टाइगर रिजर्व व बफरजोन समेत पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहां पर दो चरणों में बाघों की गणना के लिए कैमरे लगाए जाएंगे। दिसंबर माह में कैमरे लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा और उसके बाद जनवरी माह में 30 दिन गणना का काम होगा। इसके बाद कैमरों में कैद बाघों की डिटेल एकत्र कर उनका अध्ययन किया जाएगा। फरवरी तक गणना का काम पूरा हो कर लिया जाएगा। राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण के निर्देश पर इस बार पूरे देश में एक साथ बाघों की गणना की जा रही है। दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर)व पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर)में एक साथ काम चल रहा है। बाघों की गणना के लिए राज्य कोआर्डीनेटर बनाए गए पार्क के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि डीटीआर व पीटीआर में गणना की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कैमरे लगाने का काम चल रहा है। यहां पर दो चरणों में कैमरे लगाए जाएंगे। पहले चरण में पीटीआर व बफरजोन तथा किशनपुर व मोहम्मदी से जुड़े जंगल में कैमरे लगाए जाएंगे। पीटीआर में कैमरे लगाने का काम शुरू हो गया है। दूसरे चरण में दुधवा पार्क व कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार में कैमरा लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कैमरे लगाने का काम दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद जनवरी माह में 30 दिन तक उन कैमरों के जरिए बाघों के मूवमेंट को देखा जाएगा। उसके बाद 10 दिन के अंदर कैमरों में कैप्चर बाघों का डिटेल एकत्र किया जाएगा जिसका विशेषज्ञ अध्ययन करेंगे और बाद में यह डाटा विश्लेषण के लिए भेजा जाएगा। संजय पाठक ने बताया कि इस बार पूरे देश में एक साथ बाघों की गणना होने से उसमे एकरुपता रहेगी और उसका रिजल्ट भी समय से मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि कैमरों को जंगल में स्थापित करने के लिए कर्मचारियों को ट्रेनिग भी दी जा चुकी है और धीरे धीरे प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।

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