वर्ष 2008 के निशान के करीब पहुंचा शारदा नदी का जलस्तर
बनबसा बैराज से लगातार भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से शारदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है।
लखीमपुर : बनबसा बैराज से लगातार भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से शारदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। रविवार रात नदी का जलस्तर वर्ष 2008 में आई ऐतिहासिक बाढ़ के जलस्तर के लगभग बराबर पहुंच गया था। शारदा केवल 10 मिमी नीचे रह गई थी। हालांकि बाद में जलस्तर कम होने लगा, लेकिन इससे नदी के किनारे बसे गई गांवों में पानी भर गया और नगर के बिल्कुल पास तक बाढ़ का पानी आ गया। चीनी मिल में भी पानी भर गया है। खजुरिया, भीरा व निघासन रोड सहित बिजुआ के कुछ इलाके बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए है। सैकड़ों एकड़ फसल भी डूब गई है। ग्रामीणों को प्रशासन ने उन्हें सतर्क कर दिया है।
रविवार को बनबसा बैराज से पानी का रिलीज लगातार बढ़ता रहा। रात में उसके 2.50 लाख क्यूसिक होने की उम्मीद थी लेकिन, डिस्चार्ज उससे कम रहा, पर लगातार पानी छोड़े जाने से नदी बुरी तरह उफना गई और शारदा पुल पर उसका जलस्तर रात आठ बजे 155.160 तक पहुंच गया था। नदी का जलस्तर इतना ऊपर पिछले एक दशक में नही पहुंचा था। वर्ष 2008 में आई ऐतिहासिक बाढ़ में नदी का जलस्तर 155.170 तक पहुंच गया था, जो अब तक का सबसे अधिक माना जाता है लेकिन, रात में नदी का जलस्तर इससे केवल 10 मिमी नीचे रह गया था। पलिया क्षेत्र के आजाद नगर, बर्बाद नगर, खालेपुरवा, दुबहा व शाहपुर ढ़किया तथा अन्य कई गांवों में पानी भर गया है। ग्रामीणों का निकलना तक मुश्किल हो गया है। इसके बाद भी ग्रामीण घर व जानवर छोड़कर अन्यत्र जाने को तैयार नहीं हुए हैं। कुछ ग्रामीणों ने रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली है। एसडीएम डॉ. अमरेश कुमार ने बताया कि रविवार को कई गांवों में पानी घुस गया है लेकिन, हालत अभी कंट्रोल में है। अभी कोई जनहानि नहीं हुई है। बनबसा बैराज से पानी का रिलीज बढ़ने के कारण क्षेत्र में बाढ़ आई है। लेखपालों को क्षेत्र में भेज दिया गया है। वहीं पर कैंप करने को कहा है ताकि हर समय संपर्क बना रहे।
खजुरिया: क्षेत्र के गोबिदनगर के संजय गांधीनगर, कमलापुरी व डीएम कॉलोनी, इंदिरानगर, सिद्धनगर, कमलापुरी आदि गांवों के निचले इलाके में बाढ़ का पानी भर गया है। फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। खजुरिया खाद गोदाम से लेकर हजारा जंगल तक सड़क पर बाढ़ का पानी चल रहा है। खेतों में पानी भरने के कारण जानवरों के चारे कि समस्या पैदा हो गई है।