महीने भर टरकाया फिर बोले डेट निकल गई..

धरातल पर अन्नदाताओं का हाल बेहाल दैनिक जागरण की पड़ताल में उभरा सच

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Dec 2020 10:46 PM (IST) Updated:Mon, 21 Dec 2020 10:46 PM (IST)
महीने भर टरकाया फिर बोले डेट निकल गई..
महीने भर टरकाया फिर बोले डेट निकल गई..

लखीमपुर : सरकारी धान खरीद का आइना है ईसानगर के ग्राम खजुहा निवासी कमलेश कुमार। इन्होंने एक महीना पहले अपना धान बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया था। सरकार की घोषणाओं पर भरोसा था सो पंजीकरण स्लिप लेकर पहुंच गए हसनपुर कटौली में धान क्रय केंद्र पर। कमलेश बताते हैं कि वहां सचिव नवीन मिश्र ने कहा कि तुम्हारा क्रय केंद्र रुद्रपुर है। इसलिए वहां जाओ। जब कमलेश रुद्रपुर में क्रय केंद्र पर गए तो बताया गया कि तुम्हारा केंद्र कटौली ही है। वहां जाओ। ये हालात एक दिन नहीं एक महीने तक चले। कटौली और रुद्रपुर के क्रय केंद्र प्रभारियों ने किसान का फुटबाल बना डाला। इसके बाद कटौली के प्रभारी ने पंजीकरण स्लिप देख कर कहा ''इसकी तो डेट निकल चुकी है। दोबारा पंजीकरण कराओ। ये हाल एक कमलेश का नहीं, इलाके में ऐसे सैकड़ों किसान मिल जाएंगे। खजुहा के इस कमलेश ने फिलहाल मुख्यमंत्री को डाक से चिट्ठी भेजी है।

अलीगंज : कस्बा स्थित धान खरीद क्रय केंद्रों में तौल न होने से किसानों को अपना धान , आढ़तियों, धान मिलों में औने पौने दामों में बेचने के लिए विवश होना पड़ा। कस्बा निवासी किसान रामचंद्र ने बताया धान खरीद केंद्रों पर तौल न होने के चलते हमें अपना धान धान मिल में कम कीमत में बेंचने के लिए मजबूर होना पड़ा ।वहीं किसान सलीम ने बताया सरकारी खरीद केंद्र पर गए थे ,कोई मिला नहीं मजबूरन आढ़ती के हाथो 1200 रुपया क्विंटल में अपना धान बेचा। योगी सरकार आम किसानों को फसल की लागत से दो गुना दाम दिलाने के लिए प्रयास कर रही है लेकिन धरातल पर हालात इसके काफी विपरीत नजर आ रहे हैं। धान बेचने के लिए आम किसान परेशान हैं। सरकारी क्रय केंद्रों से उनको वापस कर दिया जाता है। आम किसानों को मजबूर होकर मंडी में सरकारी रेट से करीब पांच-छह सौ रुपये कम दाम पर धान बेचना पड़ रहा है। ये सारा सच दैनिक जागरण की टीम की एक साथ पड़ताल में उभर कर आया है।

मूड़ासवारान: यूपी कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित धान क्रय केंद्र भदेड़ एस एस एस जोकि कागजों में 30 नवंबर को ही बंद हो गया था 30 नवंबर तक 15150 क्विंटल की खरीद केंद्र ने की थी। यह जानकारी साधन सहकारी समिति के सचिव कौशल अवस्थी ने दी।

पलिया कला: पलिया मंडी समिति में दो क्रय केंद्र लगे थे। जिन पर धान की खरीद की गई थी। लेकिन इस समय दोनों खरीद केंद्रों पर खरीद बंद है। दोनों केंद्रों पर कोई मौजूद भी नही रहा। हालांकि एसडीएम डॉ अमरेश का कहना है कि मंडी में दो क्रय केंद्र है जहाँ पर धान की खरीद की जा रही है बाकी केंद्र बंद हो चुके है।

रेहरिया : क्षेत्र में दो क्रय केंद्र है जिसमे एफसीआइ पिपरिया धनी में 19 तारीख को क्लोज कर के 15155 क्विंटल 20 किलोग्राम की खरीद हुई । दूसरे सेंटर पर न कोई किसान था न ही कोई कर्मचारी था न वैनर था।

नीमगांव: क्षेत्र में दो सेंटर एक पैला व दूसरा मूड़ा बुजुर्ग हैं। जिसमे मूड़ा बुजुर्ग तो कभी कभी खोला गया, लेकिन पैला का सेंटर केवल कागजों में ही चलाया गया। जंहा कभी भी खरीद नही की गई।

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113 फीसद धान खरीद

जिले में अभी 40 धान क्रय केंद्र विभिन्न मंडी समितियों में संचालित है। जिले में धान खरीद का 2.5 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य निर्धारित था। इसके विपरीत 2 .32लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है। शनिवार को 192 मीट्रिक टन की धान खरीद हुई थी।

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