धान की खरीद सुचारू रूप से न होने पर किसानों ने दिया धरना

किसानों ने सेंटर पर भ्रष्टाचार व्याप्त होने की बात कहते हुए मनमाने ढंग से धान खरीद का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:05 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:05 PM (IST)
धान की खरीद सुचारू रूप से न होने पर किसानों ने दिया धरना
धान की खरीद सुचारू रूप से न होने पर किसानों ने दिया धरना

लखीमपुर: मैगलगंज मंडी स्थल सहित क्षेत्र के धान क्रय केंद्रों पर धान की खरीद सुचारू रूप से न होने के चलते क्षेत्र के किसानों ने मैगलगंज मंडी गेट पर धरना शुरू कर दिया। मैगलगंज मंडी समिति के अंतर्गत आठ धान क्रय केंद्र स्थापित किए गए जिनपर 16 अक्टूबर से खरीद भी प्रारंभ की गई लेकिन, वहां पर कुछ क्विटल धान ही खरीदा जा सका है। सूत्रों की माने तो कुछ किसानों के सैंपल फेल हो गए, धान काला एवं सूख मानक के अनुरूप न होने के चलते धान क्रय केंद्रों पर धान की खरीद प्रभावित हो रही है जबकि किसानों ने सेंटर पर भ्रष्टाचार व्याप्त होने की बात कहते हुए मनमाने ढंग से धान खरीद का आरोप लगाया है। अलबत्ता असल बात यह है कि 1 सप्ताह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अभी बहुत ही कम धान की खरीद हो पाई है समाचार लिखे जाने तक किसान मंडी गेट पर धरना दिए बैठे हैं स्थानीय पुलिस की मौजूदगी है लेकिन, अभी तक कोई सक्षम अधिकारी मैगलगंज मंडी समिति तक नहीं पहुंचा है। विश्व हिदू परिषद ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

लखीमपुर: बांग्लादेश में हिदुओं पर लगातार बर्बरता पूर्वक हो रहे अत्याचारों को रोककर उन्हें सुरक्षा न्याय व मुआवजा दिलाने सहित तमाम मांगों को लेकर विश्व हिदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम पंकज कुमार श्रीवास्तव को सौंपा है। ज्ञापन में कहा है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश में वहां बचे अल्पसंख्यक हिदू, सिखों के विरुद्ध अत्याचारों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक सप्ताह में बांग्लादेश में तो सारी हदें पार हो गई। वहां ना हिदुओं की जान बचाई जा सकी, न उनकी बहन बेटियों की इज्जत। न मां दुर्गा पूजा के मंडप बचे और न ही हिदू मंदिर। मंदिरों में जबरन घुसकर भगवान की मूर्तियों को खंडित करना उनको बड़ी ही बेरहमी से तोड़ना, छोटी-छोटी बच्चियों से दुष्कर्म, हत्या, लूटपाट, आगजनी जैसा कोई भी कुकृत्य जिहादियों ने नहीं छोड़ा। अकेले दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश के 22 से ज्यादा जिलों में हिसा की घटनाएं घट चुकी हैं। हिदुओं के 150 से ज्यादा दुर्गा पूजा पंडाल अपवित्र कर तहस नहस कर दिए गए। इतना सब कुछ होने के पश्चात भी बांग्लादेश की सरकार आंख बंद करके बैठी हुई है। बांग्लादेश सरकार से मांग है कि हिदुओं पर हो रहे आक्रमणों तथा अत्याचारों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं तथा भारत सरकार से भी मांग है कि बांग्लादेश से इन घटनाओं को रोकने के लिए दबाव बनाएं। मांग है कि पीड़ित अल्पसंख्यक हिदुओं को न्याय व सुरक्षा तथा जानमाल के नुकसान के लिए उचित मुआवजा मिले। आक्रमणकारियों का चुन चुनकर गिरफ्तार कर कठोर सजा दिलाई जाए। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति पर पूर्ण विराम के लिए समुचित कदम उठाया जाए। वहां रह रहे शेष बचे हिदुओं के मानवाधिकारों की रक्षा व जीवन जीने के अधिकार मिलें। इस दौरान गोरक्षा विश्व हिदू परिषद के प्रांत सहमंत्री संतकुमार मिश्रा, जिला कोषाध्यक्ष सुनील गुप्ता, आशुतोष गुप्ता, सुनील शर्मा, अनूप मिश्रा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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