मंडी में धान पर पेट्रोल छिड़ककर लगाई आग

एसडीएम ने कार्रवाई का दिया आश्वासन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:20 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:20 PM (IST)
मंडी में धान पर पेट्रोल छिड़ककर लगाई आग
मंडी में धान पर पेट्रोल छिड़ककर लगाई आग

लखीमपुर: शुक्रवार को मंडी समिति में धान खरीद को लेकर उस समय हडकंप मच गया, जब मंडी समिति के सेंटरों पर पड़े धान में आग लगाने का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। घटना की जानकारी होने पर एसडीएम पंकज कुमार श्रीवास्तव, तहसीलदार सुशील प्रताप सिंह व प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार गुप्ता दलबल के साथ मंडी समिति परिसर पहुंच गए। मंडी समिति में तीन दिन पूर्व समोद सिंह और प्रमोद सिंह का धान मंडी के सेंटर पर पड़ा था। समोद सिंह का आरोप है कि कई दिन से धान पड़े होने के बाद भी उनका धान तौला नहीं जा रहा था। इसीलिए गुस्से में धान पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। मंडी समिति सचिव विवेक मिश्रा ने बताया कि धान की तौल 10:30 बजे शुरू करा दी गई थी। वहीं एसडीएम पंकज श्रीवास्तव घटना की जानकारी मिलते ही मंडी समिति पहुंचे और उन्होंने बताया कि लगातार मेरे द्वारा धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। सभी सेंटरों पर तौल शुरू हो चुकी है। समोद के पिता नरेश सिंह का धान तीन दिन पूर्व आया था। जिसका मेरे माध्यम से रजिस्ट्रेशन और टोकन कटवाया गया था। उसी रात से दो दिन लगातार बारिश हो जाने के कारण धान गीला हो गया था। धान की तली में काफी पानी भर गया था। मैने इनके पिता जी से कहा था कि ऊपर का धान तौलवा दीजिए। नीचे गीला हो गया है वो सूख जाने दीजिए। आज इनके धान तुलने की शुरुआत होने ही वाली थी। तभी ये घटना सामने आई। उन्होंने बताया कि केवल दबाव बनाने की नीयत से यह किया गया है कि सारा धान आज ही तौल जाए। जिसने भी धान पर पेट्रोल छिड़का है। उसपर विधिक कार्रवाई की जाएगी। काम आई ग्राम सचिवों की लामबंदी, निलंबित एडीओ बहाल

लखीमपुर : डीडी पंचायतीराज गिरीश चंद्र की नियम विरूद्ध कार्रवाईयों को लेकर ग्राम सचिवों की लामबंदी काम आ गई। मितौली के निलंबित एडीओ पंचायत कुरेंद्र पाल को चार दिन बाद ही बहाल कर दिया गया है। ग्राम सचिवों के लिए राहत की बात है कि जिन 33 सेवा पुस्तिकाओं को डीडी अपने साथ ले गए थे, वह सभी वापस आ रही हैं। पूरे घटनाक्रम में खास बात यह है कि शनिवार को तय डीडी का दौरा भी टल गया है।

डीडी की कार्यशैली से नाराज 60 से 70 ग्राम सचिव शुक्रवार को दिनभर विकास भवन के आसपास मंडराते रहे। सचिव डीडी के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे थे। जिसकी भनक अधिकारियों को लग गई। बताया जा रहा है कि परियोजना निदेशक केके पांडेय के दफ्तर में डीपीआरओ सौम्यशील सिंह, उपायुक्त मनरेगा प्रेम प्रकाश त्रिपाठी सहित अधिकारियों के बीच ग्राम सचिवों के प्रदर्शन व उनकी लामबंदी को लेकर तीन से चार घंटे तक मंथन चला। इसके बाद डैमेज कंट्रोल के आखिर में ग्राम सचिवों के प्रदर्शन और ज्ञापन का कार्यक्रम टाल दिया गया। बाद में अधिकारियों ने यह संकेत दिया कि अब सबकुछ ठीक हो गया है। पिछले शनिवार को (संपूर्ण समाधान दिवस के दिन) डीडी पंचायतीराज जिले के दौरे पर आए थे और उन्होंने सहायक विकास अधिकारियों व ग्राम पंचायत अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। जिसमें एक भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचे थे। इससे नाराज डीडी ने एडीओ कुरेंद्र पाल को निलंबित कर दिया था और 33 सचिवों की सेवा पुस्तिका साथ ले गए थे। इनमें से तीन सचिवों को निलंबित करने का निर्देश भी जारी होने वाला था, लेकिन ग्राम सचिवों की लामबंदी के कारण कार्रवाईयों को रोक दिया गया है।

जिम्मेदार की सुनिए

डीपीआरओ सौम्यशील सिंह का कहना है कि डीडी पंचायतीराज की ड्यूटी लखनऊ में स्थापित बाढ़ कंट्रोल रूम में लगाई गई है। इसलिए उनका दौरा निरस्त हुआ है। ग्राम सचिवों की सेवा पुस्तिकाएं वापस आ रही हैं। मितौली के एडीओ पंचायत कुरेंद्र पाल का निलंबन भी निरस्त कर उन्हें बहाल कर दिया गया है। कहीं कोई दिक्कत नहीं है।

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